अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर पाकिस्तान के साथ संबंधों को नए सिरे से मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाते दिखाई दे रहे हैं. अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने अपने हालिया बयान में स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ जल्द ही अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर आएंगे, जहां एक अहम द्विपक्षीय बैठक होने वाली है. इस बैठक में खुद टैमी ब्रूस के शामिल होने की पुष्टि से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है.
टैमी ब्रूस ने प्रेस वार्ता के दौरान जब यह जानकारी साझा की कि वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के साथ प्रस्तावित बैठक का हिस्सा होंगी, तो उनके चेहरे की मुस्कान ने संकेत दे दिया कि दोनों देशों के बीच रिश्तों में फिर से गर्मजोशी आ सकती है. यह भी चर्चा है कि राष्ट्रपति ट्रंप इस बार भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की व्हाइट हाउस में मेजबानी कर सकते हैं—जैसा कि उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में इमरान खान के साथ किया था.
हालिया घटनाक्रम बढ़ा रहा है अटकलें
कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रंप के साथ एक डिनर में शिरकत की थी. भले ही इस मुलाकात को लेकर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया, लेकिन सोशल मीडिया और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में यह खबर जमकर वायरल हुई. इस मुलाकात को दोनों देशों के बीच कूटनीतिक समीकरणों में बदलाव के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है.
रणनीतिक सन्देश या चुनावी गणित?
डोनाल्ड ट्रंप की यह पहल केवल अंतरराष्ट्रीय रणनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे अमेरिकी घरेलू राजनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है. 2024 के चुनावों में पुनः राष्ट्रपति बनने के बाद, ट्रंप की यह पहल अमेरिका के मुस्लिम और दक्षिण एशियाई समुदाय को एक मजबूत राजनीतिक संकेत भी हो सकती है कि उनका प्रशासन इस क्षेत्र में स्थिरता और सहयोग को प्राथमिकता देता है.
पाकिस्तान दौरे की अटकलें भी चर्चा में रही
कुछ समय पहले तक ऐसी रिपोर्ट्स भी आई थीं कि राष्ट्रपति ट्रंप पाकिस्तान का दौरा करने वाले हैं. पाकिस्तानी मीडिया हाउस—जियो न्यूज और एआरवाई न्यूज ने यह दावा किया था कि ट्रंप सितंबर में पाकिस्तान जाएंगे. हालांकि बाद में इन रिपोर्ट्स को बिना किसी कारण के हटा लिया गया.
दो दशक से नहीं हुआ किसी अमेरिकी राष्ट्रपति का पाकिस्तान दौरा
गौरतलब है कि किसी भी मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा पाकिस्तान की आखिरी आधिकारिक यात्रा 2006 में हुई थी, जब जॉर्ज डब्ल्यू बुश इस्लामाबाद पहुंचे थे. उस यात्रा के बाद से दोनों देशों के संबंधों में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं. ऐसे में अगर राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मुलाकात व्हाइट हाउस में होती है, तो यह न सिर्फ द्विपक्षीय रिश्तों में नई ऊर्जा भर सकती है, बल्कि क्षेत्रीय राजनीति पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है.
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