'शरीफ' शहबाज की शराफत हुई 'बेशर्म', एक्ट्रेस को देखकर पाकिस्तानी पीएम ने ऐसा क्या कर दिया? पड़ेंगे जूते!

    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एक बार फिर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गए हैं — लेकिन इस बार वजह उनकी कोई राजनीतिक बयानबाज़ी नहीं, बल्कि एक पुराना वीडियो है जो हाल ही में वायरल हो गया है.

    Shehbaz shameless Pakistani PM actress
    शहबाज शरीफ | Photo: ANI

    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एक बार फिर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गए हैं — लेकिन इस बार वजह उनकी कोई राजनीतिक बयानबाज़ी नहीं, बल्कि एक पुराना वीडियो है जो हाल ही में वायरल हो गया है. इस क्लिप में शरीफ, अभिनेत्री मावरा होकेन को नजरें गड़ाकर देखते हुए नजर आ रहे हैं. लोगों का कहना है कि इस तरह का व्यवहार एक देश के प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता.

    कौन है वीडियो में और क्यों हो रही है चर्चा?

    वायरल हो रहा वीडियो साल 2023 के एक कार्यक्रम का है, जो पंजाब प्रांत के गवर्नर हाउस में आयोजित किया गया था. कार्यक्रम में पाकिस्तान की फिल्म और टीवी इंडस्ट्री से जुड़े कई सितारों को सम्मानित किया गया था, जिनमें अभिनेत्री मावरा होकेन भी शामिल थीं. जब मावरा को मंच पर बुलाया गया और उन्हें सम्मानित किया गया, तो वीडियो में साफ दिखाई देता है कि पीएम शहबाज शरीफ उन्हें अवार्ड देने के बाद भी काफी देर तक देखते रहते हैं.

    वीडियो की ये क्लिप अब भारत और पाकिस्तान दोनों में वायरल हो रही है. सोशल मीडिया पर यूजर्स शहबाज के रवैये को "ग़ैर-राजनैतिक" और "अनुचित" करार दे रहे हैं. कई मीम्स और कमेंट्स में लोगों ने उनकी शालीनता पर सवाल उठाते हुए लिखा, “शरीफ तो बस नाम के हैं.”

    मावरा होकेन कौन हैं?

    मावरा होकेन पाकिस्तान की जानी-मानी अभिनेत्री हैं, और उन्होंने भारत में भी अपनी पहचान बनाई है. उन्होंने 2016 में बॉलीवुड फिल्म ‘सनम तेरी कसम’ से डेब्यू किया था, जो दर्शकों के बीच काफ़ी लोकप्रिय रही. मावरा सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय हैं और दोनों देशों में उनकी अच्छी-खासी फैन फॉलोइंग है.

    राजनीतिक छवि को नुकसान?

    शहबाज शरीफ पाकिस्तान के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं. वे कई बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और इस वर्ष दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने हैं. हालांकि, हालिया वीडियो के कारण उनकी छवि को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल उठने लगे हैं. विशेषज्ञ मानते हैं कि इस तरह की वायरल क्लिप्स से नेता की गरिमा और राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंच सकता है, खासकर जब मामला देश के सर्वोच्च पद पर बैठे व्यक्ति से जुड़ा हो.

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