पाकिस्तान की दोहरी नीति और आतंकवाद को लेकर उसकी नाकामी को दुनिया के सामने उजागर करने के लिए भारत सरकार ने एक खास पहल की है. इसी कड़ी में कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल इन दिनों अमेरिका दौरे पर है. न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास में थिंक टैंक और मीडिया से बातचीत के दौरान थरूर ने पाकिस्तान पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि भारत ने यह साबित कर दिया है कि अब आतंकी हमलों का अंजाम पाकिस्तान को भुगतना पड़ेगा.
पाक की आतंकपरस्ती को बेनकाब कर रहा भारत
थरूर ने साफ कहा कि पाकिस्तान एक संशोधनवादी (revisionist) देश है जो भारतीय क्षेत्र पर कब्जे की मंशा से आतंक का सहारा लेता है. उन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए बताया कि ये हमला भारत की शांति व्यवस्था को बिगाड़ने और धार्मिक आधार पर हिंसा फैलाने की कोशिश थी, क्योंकि हमले में केवल हिंदुओं को निशाना बनाया गया था.
"इसकी भारी कीमत चुकानी होगी"
कांग्रेस सांसद ने कहा कि अब पाकिस्तान में बैठा कोई भी व्यक्ति भारत में हमारे नागरिकों पर हमले नहीं करा सकता. ऐसा करने पर उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी होगी. थरूर ने कहा कि 2016 में हुए उरी हमले का जवाब एलओसी पार कर भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए दिया था. 2019 में हुए पुलवामा हमले के बाद भारत ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पार आतंकवादी शिविर पर एयर स्ट्राइक कर जवाब दिया था.
"पाकिस्तान को घर में घुसकर मारा"
थरूर ने कहा कि इस बार भारत ने ना सिर्फ एलओसी बल्कि इंटरनेशनल बॉर्डर भी पार किया और पाकिस्तान को घर में घुसकर मारा है. ये सिर्फ आतंक के खिलाफ सख्त मैसेज देने के लिए किया गया है. उन्होंने कहा कि हम इस बात पर पूरी तरह स्पष्ट हैं कि हमें पाकिस्तान के साथ युद्ध में कोई दिलचस्पी नहीं है.
ऑपरेशन सिंदूर और भारत की नई नीति
भारत सरकार ने हाल ही में आतंक के खिलाफ 'ऑपरेशन सिंदूर' की शुरुआत की है, जो 7 मई से शुरू हुआ. इस ऑपरेशन का उद्देश्य पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ढांचे को जड़ से खत्म करना है. शशि थरूर की अगुवाई में भारत के सांसदों और पूर्व राजनयिकों की 7 टीमों को विभिन्न देशों में भेजा गया है. इनका उद्देश्य है कि दुनिया को यह समझाया जाए कि पाकिस्तान की आतंकवाद के प्रति ढुलमुल नीति से न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया खतरे में है.
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