जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते एक बार फिर तल्ख हो गए हैं. घटना के बाद दोनों देशों के बीच राजनीतिक और सैन्य तनाव तेजी से बढ़ा है, और इसकी गूंज अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुनाई देने लगी है.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से टेलीफोन पर बातचीत की. इस दौरान उन्होंने भारत पर आरोप लगाया कि वह जानबूझकर हालात को बिगाड़ रहा है और क्षेत्र में तनाव को बढ़ावा दे रहा है. अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी एजेंस फ्रांस प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी विदेश विभाग ने पुष्टि की है कि मार्को रुबियो जल्द ही भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों से संपर्क कर हालात को शांतिपूर्वक सुलझाने की अपील करेंगे.
यह पहली बार नहीं है जब शरीफ ने अमेरिका से संवाद किया हो. मई की शुरुआत में भी उन्होंने रूबियो से बात कर भारत की नीतियों पर आपत्ति जताई थी. इसके जवाब में अमेरिकी विदेश मंत्री ने भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से बातचीत कर संयम बरतने की सलाह दी थी.
सेनाओं के बीच वार्ताएं और गोलीबारी दोनों जारी
इस बीच, पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद चौधरी ने जानकारी दी कि हाल ही में भारतीय सेना के अधिकारियों के साथ नियंत्रण रेखा (LoC) पर हुई गोलीबारी को लेकर चर्चा हुई है. उन्होंने कहा कि 6 दिन पहले हुई घटनाओं पर आपसी संवाद हुआ है.
हालांकि भारतीय सेना की ओर से बुधवार को बयान जारी किया गया कि एलओसी पर लगातार छठी रात पाकिस्तान की ओर से सीज़फायर उल्लंघन किया गया, जिसका करारा जवाब दिया गया है. पाकिस्तानी सेना ने दावा किया है कि इस दौरान उसने भारत के दो ड्रोन मार गिराए हैं, जबकि भारतीय सेना ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
कूटनीतिक मोर्चे पर भी टकराव गहराया
भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक संबंधों में भी खटास और गहरी हो गई है. भारत ने पाकिस्तान के राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया, वहीं पाकिस्तानी नागरिकों को भी भारत से जाने को कहा गया है. भारत सरकार ने "नोटिस टु एयरमैन" (NOTAM) जारी कर स्पष्ट कर दिया कि यदि कोई पाकिस्तानी विमान भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करता है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी.
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की जवाबी कार्रवाई
भारत ने पहलगाम हमले का सीधा संबंध पाकिस्तानी आतंकी संगठनों से जोड़ते हुए, "ऑपरेशन सिंदूर" नाम से जवाबी कार्रवाई शुरू की. इसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकी शिविरों पर निशाना साधा गया. हालांकि, पाकिस्तान ने हमेशा की तरह इस दावे से इनकार किया कि उसकी जमीन का उपयोग आतंकी गतिविधियों के लिए हो रहा है.
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