S Jaishankar UN Speech: न्यूयॉर्क में चल रहे संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में आज भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के दावों का कड़ा जवाब देने उतरेंगे. भारतीय समयानुसार रात लगभग 10 बजे 14वें स्पीकर के रूप में बोलने वाले जयशंकर, पाकिस्तान द्वारा लगाए गए निराधार आरोपों की धज्जियां उड़ाएंगे. पिछले दिनों पाकिस्तान ने UNGA में भारत पर कुछ गंभीर आरोप लगाए थे, जिन्हें भारत ने पूरी तसल्ली से खारिज कर दिया था. अब जयशंकर उन दावों का जवाब सीधे तौर पर देंगे और साफ कर देंगे कि सीमा पर उत्पन्न घटनाओं के लिए कौन जिम्मेदार है.
पाकिस्तान ने आरोप लगाया था कि भारत ने उसके नागरिकों पर हमले किए हैं और सिंधु जल समझौते को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है. भारत ने इसे पूरी तरह से झूठ और दुष्प्रचार बताया है. भारत का कहना है कि सीमा विवादों की जांच में हमेशा आतंकवाद और घुसपैठ के पीछे पाकिस्तान ही पाया गया है. आज का भाषण इस पूरे प्रकरण में भारत की सच्चाई दुनिया के सामने रखेगा.
G4 देशों के साथ भारत की संयुक्त पहल
जयशंकर के इस अहम संबोधन के दौरान भारत ने G4 देशों ब्राजील, जर्मनी, जापान और खुद भारत के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग को और तेज कर दिया है. जी4 देशों ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों और संयुक्त राष्ट्र के घटते प्रभाव को देखते हुए सुरक्षा परिषद में स्थायी और अस्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ानी चाहिए. भारत ने जोर दिया है कि विकासशील देशों और कम प्रतिनिधित्व वाले क्षेत्रों को भी सुरक्षा परिषद में उचित स्थान दिया जाना चाहिए.
न्यूयॉर्क में जयशंकर की कूटनीतिक सक्रियता
UNGA के दौरान जयशंकर ने रूस, ऑस्ट्रिया, यूएई समेत कई लैटिन अमेरिकी देशों के विदेश मंत्रियों से महत्वपूर्ण वार्ता की. ब्रिक्स, आईबीएसए और भारत-सीईएलएसी समूह की बैठकों में भी उन्होंने भाग लेकर बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार, व्यापार, स्वास्थ्य, तकनीकी सहयोग और ऊर्जा सुरक्षा जैसे विषयों पर चर्चा की.
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से हुई बैठक में यूक्रेन संकट और पश्चिम एशिया के हालात पर गहन विचार-विमर्श हुआ. वहीं ऑस्ट्रिया और यूएई के साथ द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करने की भी सहमति बनी. यह स्पष्ट करता है कि भारत हर दिशा में अपनी कूटनीति को विस्तार दे रहा है.
ब्रिक्स बैठक में भारत का मजबूत संदेश
ब्रिक्स देशों की हालिया बैठक में जयशंकर ने वैश्विक व्यापार में बढ़ते संरक्षणवाद और बढ़े हुए टैरिफ को चुनौती बताया. उन्होंने कहा कि ब्रिक्स को बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था की रक्षा के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधार के लिए भी एकजुट आवाज उठानी होगी. उन्होंने साफ किया कि इस अनिश्चित और अशांत दौर में शांति, संवाद और कूटनीति ही एकमात्र रास्ता है. भारत आगामी वर्ष ब्रिक्स का अध्यक्ष बनने जा रहा है और इस भूमिका में ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, डिजिटल नवाचार और सतत विकास को प्राथमिकता देगा.
यह भी पढ़ें- अमृत भारत एक्सप्रेस, कॉलेज, BSNL 4G... पीएम मोदी ने ओडिशा के लिए खोला खजाना, जानें क्या-क्या दिया