शाह-नीतीश ने सीतामढ़ी में किया माता जानकी मंदिर का भूमिपूजन, गृहमंत्री ने रखी पहली ईंट, देखें वीडियो

    धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से ऐतिहासिक महत्व रखने वाले पुनौरा धाम में शुक्रवार को एक भव्य और ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ.

    Shah-Nitish performed the Bhoomi Pujan of Mata Janaki Temple in Sitamarhi
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ Sociel Media

    सीतामढ़ी: धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से ऐतिहासिक महत्व रखने वाले पुनौरा धाम में शुक्रवार को एक भव्य और ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मिलकर यहां प्रस्तावित भव्य जानकी मंदिर का भूमिपूजन किया. इस अवसर पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी मंच पर उपस्थित रहे, जिन्होंने आयोजन की गरिमा को और बढ़ाया.

    आस्था और परंपरा का संगम

    मूसलाधार बारिश के बीच भी आस्था का उत्साह कम नहीं हुआ. गृहमंत्री अमित शाह ने मंदिर निर्माण के लिए पहली ईंट रखी, जोकि नेपाल के विशेष फूलों से सुसज्जित परिसर में पूरे वैदिक विधि-विधान के साथ संपन्न हुआ. कार्यक्रम में विशेष ध्यान दिया गया कि भारतीय परंपरा, विविधता और सांस्कृतिक विरासत की झलक साफ़ दिखाई दे.

    भूमिपूजन के लिए 21 तीर्थस्थलों की मिट्टी और देश की 11 पवित्र नदियों का जल मंगवाया गया था. इसके अलावा अयोध्या के प्रसिद्ध हनुमान गढ़ी मंदिर से विशेष ईंट मंगाकर उसे इस भूमि में स्थापित किया गया, जिससे अयोध्या और मिथिला की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक एक और मजबूत कड़ी जुड़ गई.

    भव्य निर्माण की रूपरेखा

    पुनौरा धाम में बनने वाला यह जानकी मंदिर 50 एकड़ क्षेत्रफल में फैला होगा और इसकी निर्माण लागत लगभग ₹882 करोड़ आंकी गई है. मंदिर के निर्माण में खास प्रकार के बलुआ पत्थरों (सैंड स्टोन) का उपयोग किया जाएगा, जिन्हें राजस्थान से मंगवाया जाएगा.

    मंदिर की ऊंचाई 156 फीट होगी, जो कि भले ही अयोध्या के राम मंदिर से 5 फीट कम है, लेकिन इसकी स्थापत्य कला और दिव्यता में कोई कमी नहीं होगी. इसकी भव्यता के लिए देशभर के कारीगर और वास्तु विशेषज्ञ जुड़ेंगे.

    राम मंदिर के वास्तुकार का मार्गदर्शन

    इस ऐतिहासिक परियोजना का एक और विशेष पक्ष यह है कि अयोध्या में राम मंदिर की वास्तुकला को जीवंत करने वाले प्रसिद्ध वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा और उनके परिवार की देखरेख में ही जानकी मंदिर का निर्माण कार्य संपन्न होगा. इस परियोजना को वर्ष 2028 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

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