सुकमा (छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में गुरुवार तड़के सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में तीन सक्रिय और इनामी नक्सली मारे गए. यह मुठभेड़ गोलापल्ली इलाके के घने जंगल और पहाड़ी क्षेत्र में हुई, जहां नक्सलियों की मौजूदगी की पुख्ता खुफिया सूचना मिलने के बाद जिला रिजर्व गार्ड (DRG) की टीम को सर्च ऑपरेशन पर भेजा गया था.
सूत्रों के अनुसार, गुरुवार सुबह से ही दोनों पक्षों के बीच रुक-रुक कर फायरिंग होती रही. इलाके की भौगोलिक स्थिति चुनौतीपूर्ण होने के कारण ऑपरेशन को बेहद सावधानी के साथ अंजाम दिया गया.
तीन नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि
सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने मुठभेड़ में तीन नक्सलियों के मारे जाने की आधिकारिक पुष्टि की है. मृत नक्सलियों में एक महिला नक्सली भी शामिल है. घटनास्थल से हथियार और अन्य नक्सली सामग्री बरामद की गई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मारे गए नक्सली पूरी तरह सशस्त्र थे.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ के बाद पूरे क्षेत्र को घेर लिया गया है और अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है, ताकि किसी भी तरह की जवाबी कार्रवाई या नक्सलियों के फरार होने की संभावना को रोका जा सके.
मारे गए नक्सलियों की पहचान
पुलिस के अनुसार, मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की पहचान इस प्रकार की गई है:
तीनों नक्सली किस्टाराम एरिया कमेटी से जुड़े हुए थे और संगठन के सक्रिय सदस्य माने जाते थे. माड़वी जोगा और सोढ़ी बंडी एरिया कमेटी में एसीएम (एरिया कमेटी मेंबर) के पद पर कार्यरत थे. इन तीनों पर 5-5 लाख रुपये का इनाम घोषित था.
ऑपरेशन की निगरानी खुद एसपी कर रहे हैं
मुठभेड़ के बाद से गोलापल्ली और उसके आसपास के जंगल व पहाड़ी क्षेत्रों में सघन सर्च ऑपरेशन जारी है. सुकमा एसपी किरण चव्हाण खुद पूरे अभियान की लगातार निगरानी कर रहे हैं. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जब तक तलाशी अभियान पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता, तब तक इलाके में सुरक्षा बल तैनात रहेंगे.
पुलिस का कहना है कि ऑपरेशन समाप्त होने के बाद ही विस्तृत जानकारी और आधिकारिक रिपोर्ट जारी की जाएगी.
इस साल नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी कार्रवाई
पुलिस आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2025 में अब तक छत्तीसगढ़ में अलग-अलग मुठभेड़ों में कुल 284 नक्सली मारे जा चुके हैं. इनमें से:
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि राज्य में नक्सल विरोधी अभियान लगातार तेज किया गया है और सुरक्षा बलों को लगातार सफलता मिल रही है.
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