कीव: यूक्रेन की खुफिया एजेंसी SBU ने एक गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि रूस ने अब तक करीब 21,000 यूक्रेनी बच्चों को अवैध रूप से अगवा किया है. ये सभी बच्चे 2022 में शुरू हुई रूस-यूक्रेन जंग के बाद लापता हुए हैं और इन्हें रूसी नियंत्रण वाले इलाकों या रूस के भीतर स्थानांतरित कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि इन बच्चों को विशेष केंद्रों में रखकर उनका मानसिक रूप से ‘पुनर्निर्माण’ किया जा रहा है ताकि उन्हें यूक्रेन के खिलाफ ही इस्तेमाल किया जा सके.
येल यूनिवर्सिटी से जुड़े एक शोध समूह ने सार्वजनिक डाटा और सोशल मीडिया पोस्ट्स के जरिए ऐसे 8400 से अधिक बच्चों की पहचान की है जिन्हें रणनीति के तहत यूक्रेन से निकालकर रूस भेजा गया. वहीं, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने पहले कहा था कि कम से कम 11,000 बच्चों के नाम यूक्रेनी सरकार के पास हैं, जिन्हें रूस ने जबरन अपने कब्जे में लिया है.
कैंपों और ‘दत्तक’ परिवारों में रखे गए बच्चे
यूक्रेन की सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि देश में ऐसे 150 से ज्यादा स्थान चिन्हित किए गए हैं जहां इन बच्चों को या तो प्रशिक्षण शिविरों (कैंपों) में रखा गया है या उन्हें कथित तौर पर दत्तक परिवारों को सौंपा गया है. इसके अलावा, कुछ बच्चों को सीधे रूसी सैन्य स्कूलों में भर्ती कर लिया गया है, जहां उन्हें सैनिक बनने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
हालांकि रूस ने अब तक केवल 1200 बच्चों को ही वापस लौटाया है, बाकी की स्थिति अज्ञात बनी हुई है.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुतिन पर कार्रवाई
इस पूरे प्रकरण को संयुक्त राष्ट्र (UN) ने एक युद्ध अपराध (War Crime) माना है. इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC), जो हेग (नीदरलैंड्स) में स्थित है, ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया है. उन्हें इन बच्चों के जबरन अपहरण और स्थानांतरण का जिम्मेदार माना गया है.
अमेरिकी राजनीति में भी उठा मुद्दा
यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से अपनी कई मुलाकातों में इस मुद्दे को बार-बार उठाया है. मई 2025 में अमेरिकी सीनेट के एक समूह ने एक प्रस्ताव भी पारित किया था जिसमें कहा गया था कि जब तक सभी यूक्रेनी बच्चों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित नहीं होती, तब तक रूस के साथ कोई भी शांति समझौता अंतिम रूप नहीं दिया जाना चाहिए.
बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा दोनों खतरे में
रूस-यूक्रेन संघर्ष के चलते अब तक 50 लाख यूक्रेनी बच्चों को अपने घरों से पलायन करना पड़ा है. इन हालातों ने बच्चों के शिक्षा, स्वास्थ्य और मानसिक विकास पर गहरा असर डाला है. इनमें से करीब 16 लाख बच्चे अभी भी उन क्षेत्रों में रह रहे हैं जो रूस के कब्जे में हैं. उनकी सुरक्षा, शिक्षा और मूलभूत सुविधाओं तक पहुंच सीमित हो गई है.
रूस के कब्जे वाला यूक्रेनी क्षेत्र
रूस ने यूक्रेन के करीब 20% हिस्से, यानी 1 लाख 14 हजार 500 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर अब तक कब्जा कर लिया है. इनमें क्रीमिया, डोनेट्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन, और जापोरिजिया जैसे महत्वपूर्ण इलाके शामिल हैं. यहां रहने वाले लाखों लोगों की जिंदगी पूरी तरह से बदल गई है.
संघर्ष की प्रमुख घटनाएं: एक नजर में
फरवरी 2022: रूस ने यूक्रेन पर बड़ा हमला शुरू किया. रूसी टैंक और सैनिक यूक्रेनी सीमाओं में घुसे. पश्चिमी देशों की ओर से रूस की कड़ी आलोचना हुई. तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पुतिन को वैश्विक खतरा बताया और कहा कि रूस को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.
फरवरी 2025: अमेरिका में सत्ता परिवर्तन हुआ और डोनाल्ड ट्रम्प ने राष्ट्रपति पद संभालते ही पुतिन से 90 मिनट तक फोन पर बातचीत की. इसके बाद सऊदी अरब में एक उच्चस्तरीय बैठक भी हुई जिसमें यूक्रेन को शामिल नहीं किया गया. ट्रम्प ने पुतिन की तारीफ की और उलटे जेलेंस्की को ‘तानाशाह’ कहा.
मई 2025: युद्ध को खत्म करने के लिए बातचीत तेज हुई. अमेरिका की मध्यस्थता में कैदियों की अदला-बदली भी हुई, लेकिन सीमा नियंत्रण और सुरक्षा गारंटी जैसे मुद्दों पर अब भी बड़ा गतिरोध बना हुआ है.
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