US attacks Iran: रूस के पूर्व राष्ट्रपति और सुरक्षा परिषद के उप-प्रमुख दिमित्री मेदवेदेव ने अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने चेतावनी दी कि इन हमलों से अमेरिका को कोई रणनीतिक लाभ नहीं मिलेगा, बल्कि इसके उलट वैश्विक समीकरण और बिगड़ सकते हैं.
ईरान हो सकता है और शक्तिशाली
मेदवेदेव का मानना है कि ट्रंप प्रशासन की यह आक्रामकता ईरान को कमजोर नहीं, बल्कि और मज़बूत बनाएगी. उन्होंने आशंका जताई कि इस तरह की कार्रवाइयों के चलते अन्य देश अब तेहरान को परमाणु हथियार देने के लिए प्रेरित हो सकते हैं.
एक्स पर मेदवेदेव की 10 बिंदुओं की चेतावनी
एक्स (पूर्व ट्विटर) पर मेदवेदेव ने एक लंबी पोस्ट में विस्तार से समझाया कि इन हमलों का क्या असर होगा. उन्होंने 10 बिंदुओं में यह बताया कि अमेरिका, ईरान और पूरी दुनिया को इससे क्या लाभ और हानि होने की संभावना है.
1. ईरान की परमाणु ईंधन की साइकिल का महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा अमेरिकी हमले से अप्रभावित है या उसे मामूली क्षति हुई है.
2. हम स्पष्ट रूप से कह सकते हैं कि परमाणु सामग्री का संवर्धन और परमाणु हथियारों का भविष्य में उत्पादन जारी रहेगा.
3. अमेरिका के इस हमले के बाद कई देश ईरान को सीधे अपने परमाणु हथियारों की आपूर्ति करने के लिए तैयार हैं.
4. इजरायल पर ईरान का भीषण हमला हो रहा है, विस्फोटों से सारा देश हिल रहा है और उसके लोग घबरा रहे हैं.
5. अमेरिका अब एक नए संघर्ष में उलझ गया है, जिसमें जमीनी कार्रवाई की संभावनाएं भी क्षितिज पर मंडरा रही हैं.
6. ईरान का राजनीतिक शासन (पॉलिटिकल रिजीम) बच गया है. पूरी संभावना है कि यह और मजबूत होकर सामने आएगा.
7. ईरानी अपने आध्यात्मिक नेतृत्व के इर्द-गिर्द एकजुट हो रहे हैं. इनमें वे लोग भी शामिल हैं, जो पहले शासन के विरोधी थे.
8. डोनाल्ड ट्रंप को कभी 'शांति के राष्ट्रपति' के रूप में जाना गया. अब उन्होंने अमेरिका को एक और युद्ध में धकेल दिया है.
9. दुनिया के ज्यादातर देश इजरायल और अमेरिका की कार्रवाइयों का विरोध कर रहे हैं और ईरान का समर्थन बढ़ा है.
10. ईरान पर हमले के बाद ट्रंप नोबेल शांति पुरस्कार भूल जाएं, भले ही ये धांधली से मिलता हो. चीजों को शुरू करने क्या तरीका है, प्रेसीडेंट ट्रंप, बधाई.
रूस ने की कड़ी निंदा
रूस के विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि रूस ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हमलों की कड़ी निंदा करता है. मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, "किसी संप्रभु राज्य के क्षेत्र को मिसाइल और बम हमलों के अधीन करने का गैर-जिम्मेदाराना निर्णय, चाहे इसके लिए जो भी तर्क दिए जाएं, अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र के चार्टर और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का घोर उल्लंघन करता है." मंत्रालय ने कहा, "हम आक्रामकता को समाप्त करने और स्थिति को राजनीतिक और कूटनीतिक ट्रैक पर वापस लाने के लिए परिस्थितियों को बनाने के लिए प्रयासों को बढ़ाने का आह्वान करते हैं."
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