Russia and Ukraine War: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने विवादित बयान से हलचल मचा दी है. रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को लेकर ट्रंप ने कहा है कि दोनों देशों को कुछ समय तक लड़ने देना बेहतर होगा, इससे पहले कि शांति स्थापना के प्रयास शुरू किए जाएं. ट्रंप के इस बयान ने न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है, बल्कि उनके चुनावी वादों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.
'थोड़ा लड़ने दीजिए, फिर कराएंगे समझौता'
गुरुवार को व्हाइट हाउस में जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज से मुलाकात के दौरान ट्रंप ने रूस और यूक्रेन की तुलना दो झगड़ालू बच्चों से की. उन्होंने कहा, कभी-कभी बेहतर होता है कि उन्हें थोड़ी देर के लिए लड़ने दिया जाए, फिर बाद में समझौता कराया जाए. उनका यह बयान उस वक्त आया है जब रूस-यूक्रेन संघर्ष और अधिक तीव्र होता जा रहा है, और शांति की उम्मीदें धूमिल होती दिख रही हैं.
रूस और यूक्रेन दोनों को दी चेतावनी
ट्रंप ने अपनी बातचीत में यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका दोनों पक्षों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का विकल्प खुला रखता है. उन्होंने चेतावनी दी. यदि मुझे लगता है कि यह जंग अब नहीं रुकने वाली, तो हम बेहद सख्त कदम उठाएंगे. यह बयान ऐसे समय आया है जब चुनावी माहौल में ट्रंप खुद को एक शांति-स्थापक नेता के रूप में पेश कर रहे हैं, और रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की बात उनके प्रमुख वादों में शामिल रही है.
जंग में और तेजी, हमलों का दौर तेज
हाल के घटनाक्रमों में यूक्रेन ने रूस के कई एयरबेसों पर ड्रोन हमले किए, जिसमें कई बमवर्षक विमान नष्ट हो गए. इसके जवाब में रूस ने यूक्रेन के कई शहरों पर भीषण बमबारी की है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ट्रंप के साथ हुई बातचीत में स्पष्ट संकेत दिया कि यूक्रेन की ओर से किए गए ड्रोन हमलों का माकूल जवाब दिया जाएगा. इस बीच, अमेरिका के रुख को लेकर भी वैश्विक निगाहें ट्रंप की अगली रणनीति पर टिकी हैं.
राजनीतिक विश्लेषण
ट्रंप का यह बयान उनकी उस रणनीति को दर्शाता है जिसमें वह खुद को “फिक्सर” के तौर पर पेश करते हैं— एक ऐसा नेता जो जटिल विवादों को अपने ढंग से सुलझा सकता है. हालांकि, "थोड़ी देर तक लड़ने देना" जैसी सोच पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में सवाल उठ रहे हैं.
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