यूक्रेन में सैनिकों को ‘पॉइंट्स’ के बदले मिल रहे हथियार, ये कैसा गेम-खेल रहे पुतिन और जेलेंस्की?

    Russia and Ukraine: दुनिया में युद्ध अब केवल गोले-बारूद और बंदूकों तक सीमित नहीं रह गया है. यूक्रेन ने रूस के खिलाफ लड़ाई में एक ऐसी डिजिटल रणनीति अपनाई है, जिसने पारंपरिक युद्ध के ढांचे को पूरी तरह बदल दिया है.

    Russia and Ukraine point system to get military efficiency
    Image Source: Social Media

    Russia and Ukraine: दुनिया में युद्ध अब केवल गोले-बारूद और बंदूकों तक सीमित नहीं रह गया है. यूक्रेन ने रूस के खिलाफ लड़ाई में एक ऐसी डिजिटल रणनीति अपनाई है, जिसने पारंपरिक युद्ध के ढांचे को पूरी तरह बदल दिया है. यहां सैनिक मैदान में केवल दुश्मन से नहीं, बल्कि एक तरह के ‘गेमिफाइड सिस्टम’ के तहत खुद को बेहतर साबित करने में भी लगे हैं.

    जंग को बना दिया वीडियो गेम जैसा

    यूक्रेन में फ्रंटलाइन पर तैनात सैनिकों के लिए एक अनोखा सिस्टम तैयार किया गया है, जिसमें युद्ध के हर लक्ष्य को एक ‘गेम मिशन’ की तरह परिभाषित किया गया है. सैनिक जितने रूसी टारगेट्स को निशाना बनाते हैं, उतने पॉइंट्स उन्हें दिए जाते हैं. मसलन, यदि कोई सैनिक रूसी टैंक को तबाह करता है, तो उसे 15 पॉइंट्स मिलते हैं. ड्रोन ऑपरेटर को ढेर करने पर 12 पॉइंट्स, और अन्य सैन्य लक्ष्यों के लिए भी अलग-अलग स्कोर तय किया गया है. यह सारी जानकारी ड्रोन के ज़रिए वीडियो फीड में रिकॉर्ड होती है, जिसे अधिकारी बाद में सत्यापित करते हैं.

    ‘वॉर मार्केटप्लेस’ से मिलते हैं हथियार

    इन पॉइंट्स को सैनिक यूक्रेन के बनाए गए विशेष ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ‘वॉर मार्केटप्लेस’ पर रिडीम कर सकते हैं. इस मार्केटप्लेस में उन्हें आधुनिक हथियार, स्मार्ट ड्रोन, नाइट विज़न डिवाइसेज़ और जरूरी सैन्य गियर मिलते हैं. सीधे शब्दों में कहें तो, जितना कुशल सैनिक, उतने ज़्यादा पॉइंट्स, और उन पॉइंट्स के बदले उतनी ही उन्नत तकनीक.

    ‘आर्मी ऑफ ड्रोन’ योजना के तहत हो रही क्रांति

    इस पूरे अभियान को ‘आर्मी ऑफ ड्रोन’ प्रोग्राम के अंतर्गत चलाया जा रहा है. यूक्रेन का कहना है कि इससे दो बड़े फायदे हो रहे हैं — एक, सैनिकों की रणनीतिक सोच और मोटिवेशन बढ़ रहा है; और दूसरा, कमांड सेंटर को रियल-टाइम डेटा मिल रहा है जिससे युद्ध संचालन और आक्रमण ज्यादा प्रभावी हो रहे हैं. यूक्रेनी अधिकारियों का मानना है कि यह पहल सिर्फ एक युद्ध नीति नहीं, बल्कि साइबर और टेक्नोलॉजी आधारित युद्ध का भविष्य है.

    यह भी पढ़ें: मलबे से मौत निकल रही, हमास ने इजरायल को पीट दिया; नेतन्याहू की हालत कर दी खराब!