Bengaluru Stampede: बेंगलुरू भगदड़ मामले में बड़ा एक्शन, पुलिस कमिश्नर समेत कई अफसर सस्पेंड

    घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया और सरकार को तत्काल सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर दिया. गुरुवार शाम कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मीडिया को संबोधित करते हुए हादसे को प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा बताया और बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारियों पर गाज गिराई.

    rcb victory parade stampede Many officers including the police commissioner suspended
    Image Source: ANI

    RCB Victory Parade Stampede: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की ऐतिहासिक जीत का जश्न बेंगलुरु के लोगों के लिए एक काले दिन में तब्दील हो गया, जब चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर आयोजित समारोह के दौरान भारी भीड़ के चलते भगदड़ मच गई. इस दर्दनाक हादसे में 11 लोगों की जान चली गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए.

    घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया और सरकार को तत्काल सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर दिया. गुरुवार शाम कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मीडिया को संबोधित करते हुए हादसे को प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा बताया और बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारियों पर गाज गिराई.

    किन अधिकारियों पर हुई कार्रवाई?

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रथम दृष्टया सामने आई लापरवाही और कर्तव्य में चूक के कारण कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है. जिन अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है, उनमें शामिल हैं:

    बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर

    एडिशनल पुलिस कमिश्नर

    सेंट्रल डिवीजन के DCP

    एसीपी सेंट्रल ज़ोन

    स्टेडियम प्रभारी एसीपी

    कब्बन पार्क थाना प्रभारी SHO

    सीएम सिद्धारमैया ने कहा, “इस दुखद घटना को रोका जा सकता था अगर समय रहते भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उचित इंतजाम किए जाते. पुलिस और आयोजकों की लापरवाही ने कई परिवारों को उजाड़ दिया है.”

    आयोजकों और RCB पर भी शिकंजा

    सिर्फ प्रशासन ही नहीं, बल्कि आयोजन से जुड़े निजी पक्षों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक चुकी है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि RCB फ्रेंचाइज़ी, DNA इवेंट मैनेजमेंट एजेंसी और कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के संबंधित प्रतिनिधियों को गिरफ्तार किया जाए. इन सभी पर भीड़ नियंत्रण में विफल रहने और सुरक्षा मानकों की अनदेखी का आरोप है.

    न्यायिक जांच और CID को जिम्मेदारी

    सरकार ने इस गंभीर मामले की जांच के लिए हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज माइकल कुन्हा की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग का गठन किया है, जो 30 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा. वहीं, पूरे मामले की आपराधिक जांच अब सीआईडी को सौंपी गई है. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया, "मेरे राजनीतिक जीवन में कभी ऐसी दर्दनाक घटना नहीं घटी. यह हादसा पूरे राज्य के लिए चेतावनी है कि सार्वजनिक आयोजनों में सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होना चाहिए.”

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