कश्मीरः जम्मू-कश्मीर के दौरे पर पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को पाकिस्तान पर तीखा प्रहार करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को भारत के इतिहास में आतंकवाद के खिलाफ सबसे बड़ी और निर्णायक कार्रवाई करार दिया. यह उनकी उस ज़मीन पर पहली यात्रा थी, जहां कुछ ही सप्ताह पहले पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद ने फिर से सिर उठाया था.
'आतंक के खिलाफ हम किसी भी हद तक जा सकते हैं'
रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि भारत अब आतंकी हमलों को केवल सहन नहीं करेगा, बल्कि उसका जवाब उसी अंदाज़ में देगा, जैसा हाल में देखा गया. उन्होंने कहा, "पिछले 35-40 वर्षों से भारत को सरहद पार से आतंकवाद झेलना पड़ रहा है, लेकिन अब भारत ने दुनिया को यह दिखा दिया है कि आतंक के खिलाफ हम किसी भी हद तक जा सकते हैं. पहलगाम में भारत के माथे पर वार किया, हमने उनकी छाती पर घाव दिए हैं।"
राजनाथ सिंह ने सीधे तौर पर पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि उसके जख्मों का इलाज सिर्फ इसी में है कि वह आतंकवाद को पालना बंद करे और भारत विरोधी गतिविधियों के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल न होने दे. उन्होंने आगे कहा, “भारत अब किसी भ्रम में नहीं है. हमारी सामाजिक एकता पर हमला करने की हर साजिश को हम मुंहतोड़ जवाब देंगे.”
#WATCH | Srinagar, J&K: Defence Minister Rajnath Singh says, "...I ask the entire world if nuclear weapons are safe in the hands of such an irresponsible and rogue nation. I believe that Pakistan's nuclear weapons should be taken under the supervision of International Atomic… pic.twitter.com/7tQA7mbZZI
— ANI (@ANI) May 15, 2025
क्या पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार सुरक्षित हैं?
अपना संबोधन केवल क्षेत्रीय सुरक्षा तक सीमित न रखते हुए रक्षा मंत्री ने वैश्विक मंच पर एक गंभीर सवाल भी उठाया. उन्होंने कहा, “हमें उनकी परमाणु धमकी की परवाह नहीं. श्रीनगर की धरती से मैं दुनिया के सामने पूछना चाहता हूं—क्या पाकिस्तान जैसे गैर-जिम्मेदार और दुष्ट राष्ट्र के पास परमाणु हथियार सुरक्षित हैं?” राजनाथ सिंह ने मांग की कि पाकिस्तान के परमाणु जखीरे को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की निगरानी में लाया जाना चाहिए, ताकि वैश्विक सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके.
सेना के जवानों से संवाद करते हुए रक्षा मंत्री ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता के लिए उन्हें बधाई दी और कहा कि यह केवल सैन्य विजय नहीं, बल्कि राष्ट्र का आत्मसम्मान है जो दुश्मन के खिलाफ बोल उठा है. उन्होंने कहा, “मैं आज केवल एक मंत्री नहीं, बल्कि भारत का गर्वित नागरिक बनकर यहां आया हूं. आपने सीमा पार जाकर जो साहसिक कार्रवाई की, उससे हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा हो गया है. दुश्मन आपके पराक्रम को कभी भूल नहीं पाएगा.”
राजनाथ सिंह ने सैनिकों की सूझबूझ और अनुशासन की तारीफ करते हुए कहा कि “जोश में होश खो देना आम बात है, लेकिन आप सबने संयम के साथ वह कर दिखाया है जो इतिहास में दर्ज हो गया है.”
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