जयपुर: भारत 24 के खास कार्यक्रम 'विजन ऑफ न्यू इंडिया विकसित राजस्थान' में राजस्थान की उप-मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने शिरकत की. इस मौके पर दीया कुमारी ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा प्रदेश में कराए गए विकास कार्यों का रिपोर्ट कार्ड पेश किया. उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार किस प्रकार प्रदेश को नई दिशा और दशा देने का काम कर रही है. साथ ही भविष्य की नीतियों के विषय में भी विस्तार से चर्चा की. चलिए अब आपको बताते हैं कि इस खास बातचीत में उप-मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने किन महत्वपूर्व बिंदुओं पर जोर देते हुए अपनी बात रखी.
सवाल: सरकार के 2 साल पूरे होने वाले हैं और ऐसे में इसी सवाल के साथ शुरुआत करूंगी कि आपकी सरकार में राजस्थान कितना बदला?
जवाब: मुझे लगता है जिस तरह से चाहे सड़कों की बात करें, चाहे टूरिज्म के क्षेत्र में बात करें, चाहे हम गवर्नेंस की बात करें, चाहे स्वास्थ्य को देख लीजिए, एजुकेशन को देख लीजिए. हमारी सरकार ने डिलीवरी भी की है. जब हमारा राइजिंग राजस्थान लास्ट ईयर हुआ था उस समय बहुत सारे एमओयूस साइन हुए थे. वो एमओयूस धरातल पर भी उतरे हैं. तो जैसा कि हमारी सरकार जहां भी भारतीय जनता पार्टी की सरकारें बनी हैं और केंद्र का उदाहरण सबसे बड़ा उदाहरण है कि हम लोग शिलान्यास भी करते हैं और हम लोग उद्घाटन भी करते हैं उसी 5 साल में और आप देखेंगे इस बार भी वैसा ही होगा. शिलान्यास होना शुरू हो चुके हैं. उद्घाटन भी हमारी ही सरकार करेगी और यह सिलसिला बंद नहीं होगा. यह सिलसिला अगली बार भी ऐसा ही होगा. हमारी ही सरकार बनेगी.
सवाल: आपके पास बहुत सारे मंत्रालय हैं. विपक्ष का ऐसा आरोप रहता है कि आप लोग शहरी इलाकों पर ज्यादा ध्यान देते हैं. मैं चाहूंगी कि अपने ही विभागों के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में किस तरीके की बेहतरी हुई? कैसे ग्रामीण इलाकों की तस्वीर बदली?
जवाब: आपने बात की शहरी इलाकों की बात तो वैसे भी विभाग मेरे पास नहीं है. पीडब्ल्यूडी की सड़कें ज्यादातर शहर से बाहर हैं. हमारे पास रूरल रोड्स हैं या जब आप हाईवे स्टेट हाईवेज हैं. बाकी एनएच जो पीडब्ल्यूडी के पास है वो है तो शहरी तो वैसे भी यूडीएच में आता है. तो हम लोग बहुत ध्यान दे रहे हैं. लगातार हम अभियान कर रहे हैं. कुछ ही समय पहले पीडब्ल्यूडी द्वारा शगुनी अभियान हुआ था. जिसमें शहर जितनी भी सड़कें हैं सड़क गुणवत्ता अभियान के नाम से हम लोगों ने किया था. उसमें हमने सारी डीएलपी की सड़कें हैं और जो दूसरी सड़कें बन रही हैं उनकी गुणवत्ता हमारे जो ऑफिसर्स हैं जितने इंजीनियर्स हैं उन्होंने फील्ड में जाकर देखी और एक्चुअल में क्या स्थिति है और उस पे हमको क्या लेना चाहिए निर्णय लेना चाहिए काम करना चाहिए वो पूरा एक हम लोगों ने सर्वे किया है और उस सर्वे के हिसाब से हम लोगों ने काम भी शुरू कर दिया है.
उसके अलावा अभी हमारा सुषमा अभियान चला था जिसका समापन आज ही हुआ था. आज इंजीनियर्स डे है. सभी इंजीनियर्स को आपके माध्यम से मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं दूंगी. आप लोगों का बहुत बड़ा अभियान आप लोगों का जो आपकी भूमिका है एक विकसित भारत बनाने में जो इंजीनियर्स की भूमिका है वो सबसे बड़ी भूमिका रहती है. तो यह अभियानों के माध्यम से हम लोगों ने चाहे सुषमा अभियान जिसकी बात मैं कर रही थी उसमें हमने सड़क सुरक्षा से लेकर जितनी भी गाइडलाइंस हैं उस पे हमने पूरा धरातल पर जाकर हमारे इंजीनियर्स ने स्कूल्स के साथ कॉलेजेस के साथ एनसीसी के साथ एनजीओस के साथ मिलकर इस अभियान को पूरा किया है. जिसमें सड़क से रिलेटेड जिस जितनी भी समस्याएं होती हैं, चाहे वह पॉट होल्स हो, चाहे वह सीट बेल्ट लगाने की बात हो, हेलमेट्स लगाने की बात हो, चाहे वो ब्लैक स्पॉट्स की बात हो. ये सारी चीजों को ध्यान में ले लेकर हमने इस अभियान को पूरा किया है.
एक हम लोग ने और काम शुरू किया है कि हमारे जो ऑफिसर्स हैं हफ्ते में दो दिन इंक्लूडिंग मी हम लोग फील्ड में जाएंगे. हम हमारी सड़कों को जाके चेक करेंगे. जितनी भी हमारी डीएलपी की सड़कें हैं उनको भी जाके निरीक्षण करेंगे और उसके अलावा भी बिना प्लान रैंडमली जाकर चेक करेंगे कि क्या हालत धरातल पर है. वो हम लोगों ने करने का निर्णय लिया है. खुद मुख्यमंत्री जी ने भी यह कहा है कि मैं भी जाकर चेक करूंगा कि हमारी सड़कों की वास्तविकता में स्थिति क्या है और उस पर फिर हम लोग काम भी करेंगे. इस बार परमानेंट रेस्टोरेशन की रोड्स का हमने जिम्मा लिया है कि जितनी भी रोड्स हमारी टूटी हुई हैं क्योंकि विरासत में हमको टूटी हुई सड़कें मिली हैं पिछली सरकार से उनको रिपेयर करने का भी हम एक निर्धारित समय में यह भी हम लोग पूरा करेंगे.
सवाल: अब से थोड़ी देर पहले मंच पर गजेंद्र सिंह शेखावत जी थे और उन्होंने कहा कि राजस्थान एक ऐसा प्रदेश है जहां पर पर्यटन के लिहाज से अकूत संभावनाएं हैं. बस आपको उनको एक्सप्लोर करना है. शहरी इलाकों में राजमहल तक हमने ऊंची-ऊंची दीवारें और वहां का पर्यटन देखा. लेकिन गांव धाड़ी तक ये पर्यटक कैसे पहुंचे? इसके लिए सरकार का रोड मैप क्या है?
जवाब: बिल्कुल ऐसे डेस्टिनेशंस को प्रमोट करना जो थोड़े अननोन डेस्टिनेशंस हैं. अनरेकग्नाइज्ड डेस्टिनेशंस हैं. लेकिन डेस्टिनेशंस हैं. उन जगहों पे बहुत पोटेंशियल है कि टूरिज्म बढ़ाने की. उस पर हम लोग फोकस कर रहे हैं. ट्राइबल सर्किट का अनाउंसमेंट हमारे बजट में हुआ है. जिसमें हमारे जैसे बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर, रूरल ऐसे जो क्षेत्र हैं उनको कैसे टूरिज्म से जोड़ें? वहां पर क्या हम फैसिलिटीज प्रोवाइड कर सकते हैं? वहां पर प्रचार प्रसार और उन जगहों का हम कैसे कर सकते हैं? उस पर हम फोकस कर रहे हैं.
महाराणा प्रताप सर्किट जो कि सिर्फ उदयपुर ही नहीं है. महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़े हुए सारे जो क्षेत्र हैं जिनके बारे में लोग नहीं जानते. उनको जोड़ना वहां पर लोगों को कैसे हम लोग पहुंचा सकते हैं. वहां पर उनके लिए हम लोग क्या प्रोवाइड कर सकते हैं. हम चाहते हैं टूरिस्ट जो आता है वो सिर्फ जयपुर, जोधपुर, बीकानेर और उदयपुर तक सीमित नहीं रहे. वह और भी जाए. कोटा में हम लोग ट्रैवल मार्ट कर रहे हैं. हम लोग रूरल टूरिज्म को बढ़ा रहे हैं. चाहे देवमाली हो, चाहे बाड़मेर के गांव हो, वहां पर मैं खुद गई हूं. वहां हमने संभावनाएं देखी हैं. हम लोग क्या कर सकते हैं? तो एक अच्छे फैसिलिटेट फैसिलिटेटर के रूप में काम करना मुझे लगता है ये गवर्नमेंट की जिम्मेदारी है. क्योंकि प्राइवेट सेक्टर अपने आप में ही टूरिज्म से बहुत जुड़ा हुआ है. उनके लिए भी ई ऑफ डूइंग बिजनेस. कोई अपना अगर होटल एस्टैब्लिश करना चाहता है या टूरिज्म यूनिट अगर अपना लगाना चाहता है उसको और आसानी से वो यह काम कर सके उस पर हम लोगों को फोकस करना चाहिए.
हम अच्छी कड़ी बने ताकि कोई अपना अगर टूरिज्म में इन्वेस्ट करना चाहता है उसको हम आसानी से करने दें. उसके लिए एक अच्छा माहौल तैयार करें और हम लोग भी वो जो परेशानियां आती है उन परेशानियों को दूर करने का काम करें. साथ ही में प्रचार प्रसार करना, ग्लो ग्लोबल हम लोग ट्रैवल मार्ट्स हैं उनमें पार्टिसिपेशन बढ़ाना राजस्थान सरकार राजस्थान टूरिज्म डिपार्टमेंट का ज्यादा से ज्यादा टूरिज्म के मार्क्स करना ज्यादा से ज्यादा ऐसे डेस्टिनेशंस को आइडेंटिफाई करना और वहां पर फोकस्ड वे में काम करना चाहे वो पुष्कर कॉरिडोर की बात हो चाहे वो खाटूश्याम जी की बात हो हमारे बहुत सारे स्पिरिचुअल डेस्टिनेशंस हैं जहां पर बहुत सारे दर्शनार्थी जा जाते हैं. लेकिन वहां फैसिलिटीज इतनी अच्छी नहीं होती है. रोड कनेक्टिविटी नहीं होती है. वहां पर रहने की जगह नहीं होती है. वहां पर और फैसिलिटीज नहीं होती है. तो वो प्रोवाइड करने का काम करना फिर प्रचार प्रसार करना.
हम लोग अभी अपना एक टूरिज्म ऐप भी बहुत जल्दी ल्च करने वाले हैं. टूरिज्म यूनिट पॉलिसी ल्च हो चुकी है. टूरिज्म पॉलिसी ल्च होने वाली है और टूरिज्म फिल्म पॉलिसी भी बहुत जल्दी ल्च होने वाली है. मैं इस पर बहुत कुछ बोल सकती हूं और आपको मुझे कम से कम घंटा भर देना होगा कि हम लोग टूरिज्म में क्या-क्या कर रहे हैं. मुझे लगता है कि इसमें सबको एक साथ मिलकर काम करना होगा. आजकल इन्फ्लुएंसर्स का बहुत बड़ा रोल होता है.
सवाल: आपने क्योंकि इन्फ्लुएंसरर की बात की तो बार-बार मेरे मन में इन्फ्लुएंसरर ऑफ इन्फ्लुएंसरर्स यानी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम आता है और वो हमेशा टूरिज्म को लेकर बात करते हैं. वो इनफैक्ट वो यूथ के बीच में बड़े पॉपुलर हैं. तो आपको लगता है कि वो ही सबसे बड़े ब्रांड एंबेसडर या इन्फ्लुएंसरर ऑफ इन्फ्लुएंसर्स हो सकते हैं.
जवाब: बिल्कुल हैं. वो आप देखिए कैसे वो चाहे वो केरला जाए, चाहे वो राजस्थान आए, चाहे वो गुजरात जाए जहां भी चाहे वो असम जाए वहां पर जाकर वो ऐसा कुछ करते हैं जिससे कि पूरा वर्ल्ड उस चीज को देखता है. वो जयपुर आए जब आपने देखा कि फ्रांस के जो प्रेसिडेंट थे उनको लेकर वो यहां आए और जिस तरह से टूरिस्ट प्लेसेस में गए वो तो उसके बारे में पूरा एक ग्लोबल आउटरीच का उन्होंने काम किया. सबसे बड़े हमारे ना केवल सबसे लोकप्रिय नेता विश्व में पर सबसे बड़े हां बिल्कुल सबसे बड़े इन्फ्लुएंसर जो हैं इफेक्टिव इन्फ्लुएंसरर हैं तो प्रधानमंत्री जी हैं. उन्होंने हमको सिखाया कि टूरिज्म कितना महत्वपूर्ण है और उसके बाद उनसे प्रेरणा लेकर हमारी सरकार भी उसी दिशा में काम करे.
सवाल: आपने प्रेरणा की ही बात की तो अगर आपकी इजाजत हो तो राजनीति में आने की प्रेरणा देने वाला कोई एक शख्स जो आपके ज़हन में सबसे पहले आता हो.
जवाब: वह मैं फिर से मोदी जी की कहूंगी क्योंकि उन्हीं की सभा में 2013 में मुझे पार्टी ज्वाइन करने का अवसर मिला. मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण और बहुत ही ऐसा पल था जो मैं कभी भूल नहीं सकती. जिस तरह से उन्होंने एज अ चीफ मिनिस्टर काम किया था. उनसे हम सभी ने मुझे लगता इतने इंस्पायर्ड व्यक्तित्व इससे पहले कोई था ही नहीं जो इतना हम सबको जिन्होंने इंस्पायर किया. आज हम विज़न की बात करते हैं. आज हम विकसित भारत की बात करते हैं. ये सारी बातें इससे पहले किसी ने नहीं सोची थी. आज योजनाओं की इंप्लीमेंटेशन की बात करते हैं. डिलीवरी की बात करते हैं. ये सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री जी ने सिखाया हमको बताया उन्हें उन्होंने कि सब कुछ पॉसिबल है. इच्छाशक्ति होनी चाहिए.
सवाल: 2013 से 23 और फिर 25 यानी कि कुल मिलाकर 12 साल और आपका एक पर्सनालिटी कल्ट है दिया कुमारी जी एक राजकुमारी वाला वो जो आपका एक ओरा है. ऊपर हवा महल जैसी जगह या फिर ऊंचे ऊंचे किले में जब आप ऊपर से देखती होंगी तो आपको वो टूरिस्ट नजर आते होंगे. लेकिन आज आप वही जमीन पर आए हैं. आप उसी जमीन में रहकर ये सोचती हैं कि कैसे इन जगहों को मैं और बेहतर कर पाऊं. ये चेंज आप कैसा फील करती हैं?
जवाब: ऐसा कभी नहीं था कि मैं ऊपर से देखती थी. मैं हमेशा धरातल से जुड़ी हुई थी. पॉलिटिक्स में आने से पहले मैंने स्कूल्स भी दो शुरू किए थे उस और मैं मेरा फाउंडेशन भी चलता था. ट्रस्ट भी है फैमिली की बहुत कुछ हम लोग सोशल चीजों से जुड़े हुए थे. परिवार भी चाहे गायत्री देवी जी की बात करें चाहे मेरे पिताजी की बात करें जिन्होंने सर्विसेज दी है अपनी नेशन के लिए वो सेना में थे. महावीर चक्र विजेता थे. मुझे लगता है इससे बड़ी बात इससे बड़ा मैंने एक उदाहरण मेरे परिवार में देखा. गायत्री देवी जी जेल गए हैं. मेरे पिताजी भी जेल में थे. तो ये सब कुछ देखने के बाद मैंने यह डिसीजन लिया और मैंने देखा मेरे चाहे माता-पिता जी की बात करूं परिवार की बात करूं हमेशा ही जनता से जुड़े हुए थे वो ऐसा नहीं था कि अलग थे कि ऊपर से देख रहे थे और पता नहीं कौन से राजमहल की आप बात कर रहे हैं. ऐसी अब डेमोक्रेसी में कोई चीज रही नहीं. हम सबको रियलिटी का सामना करना पड़ा. उस करना और मुझे लग रहा है बहुत अच्छा है. मुझे आज बहुत अच्छा लगता है कि मैं किसी के कुछ काम आ सकूं. मैंने मैं किसी की जीवन को उसमें कुछ बदलाव ला सकूं. मुझे लगता है उससे अच्छी चीज और उससे ज्यादा सेटिस्फेक्शन किसी भी और चीज में नहीं मिलती.
सवाल: प्रधानमंत्री मोदी ने क्योंकि एक तरफ जहां पर यह कहा था कि वेडिंग डेस्टिनेशंस हमारे देश में हो. लोग शादी करने के लिए बाहर ना जाएं. राजस्थान उनमें से एक खुद है. फिर फिल्म इंडस्ट्री को लेकर हमने जम्मू कश्मीर में देखा कैसे फिल्मों की शूटिंग दोबारा से शुरू हुई. तो हेरिटेज टूरिज्म से लेके फिल्म इंडस्ट्री और फिल्म शूटिंग से लेके वेडिंग डेस्टिनेशंस तक राजस्थान को और कैसे बेहतर करना है?
जवाब: वेडिंग डेस्टिनेशंस में राजस्थान का मुकाबला और कोई स्टेट कर ही नहीं सकता. वैसे बहुत सारी शादियां हमारे राजस्थान में हुई है. इंटरनेशनल वेडिंग्स हुई है. सेलिब्रिटीज ने यहां पर आके ये राजस्थान को चुना है अपनी वेडिंग के लिए. तो बिल्कुल उसमें तो मुझे लगता है हम लोग नंबर वन हैं ही. लेकिन एक और प्रधानमंत्री जी ने बात कही है कॉन्सर्ट टूरिज्म की और एक और बात उन्होंने कही है मीट इन इंडिया जिसको हम मीट इन राजस्थान बनाना चाहते हैं. तो कॉन्फ्रेंसेस जो होती हैं बड़े-बड़े जो कॉर्पोरेट्स हैं वो अपनी कॉन्फ्रेंसेस राजस्थान में करें उसके लिए भी हम लोग प्रयास कर रहे हैं. तो अच्छी कॉन्फ्रेंस फैसिलिटीज और अच्छे कॉन्सर्ट वेन्यूज को भी हम लोग अब विकसित करने की ओर बढ़ रहे हैं ताकि ये जो बड़े-बड़े कॉन्सर्ट्स हैं इसमें इतने लोग आते हैं इतने विजिट करते हैं.
आपने आईफा में देखा होगा कि इतना इतना बड़ा इवेंट हुआ. ऐसे ग्लोबल स्तर के जो इवेंट्स हैं उसमें राजस्थान आए राजस्थान में होना चाहिए दूसरी स्टेट्स में हो रहे हैं हमारे यहां क्यों नहीं हमारे यहां सब कुछ है तो ना केवल वेडिंग्स पर इवन कॉन्फ्रेंसेस इवन कॉन्सर्ट्स और हर प्रकार की चाहे हम बात करें हिल एंड राजस्थान तो कोई अगर अपना इलाज करने आना चाहता है तो राजस्थान आए हमारे डॉक्टर पूरे वर्ल्ड में वेल नोन है. बहुत अच्छे डॉक्टर्स हैं. अच्छी फैसिलिटीज हैं. पीसफुल स्टेट है. राजस्थान में सब कुछ है. तो मैं तो बिल्कुल आपके चैनल पे बोलूंगी कि ज्यादा से ज्यादा लोग राजस्थान को विजिट करें क्योंकि राजस्थान में हर सब कुछ है जो एक ट्रैवलर को चाहिए. हर प्रकार का एक्सपीरियंस अवेलेबल है.
सवाल: आप खुद एक महिला डिपुटी सीएम है. टूरिस्ट यहां पर महिलाएं भी बड़ी संख्या में आती हैं. ऐसे में उनकी सिक्योरिटी के पर्सपेक्टिव से किस तरीके के बदलाव किए जा रहे हैं ताकि वो फ्रीली आए और अपनी वेकेशंस को एंजॉय कर सकें.
जवाब: महिलाओं की सेफ्टी और स्पेशली महिला टूरिस्ट की सेफ्टी के लिए हम लोग पूरी तरह से बहुत ही गंभीरता से काम कर रहे हैं. ज्यादा से ज्यादा सीसीटीवीज हम लोग पब्लिक प्लेसेस में लगाना और जैसा मैंने आपको बताया एक हमारा टूरिज्म ऐप है. उसमें भी ऐसे फीचर्स होंगे ताकि उसको आप प्रेस करके इमीडिएटली आप नियरेस्ट पुलिस स्टेशन या एक हेल्प लाइन नंबर और इस तरह की चीजें टूरिज्म ऐप में हम लोग डालेंगे हमारे. इसके अलावा मुझे लगता है राजस्थान एक पीसफुल स्टेट है. यहां पर कोई ऐसा कारण ही नहीं है जिससे कि आप अनसेफ फील करें. ना केवल महिला टूरिस्ट पर आम महिला भी यहां पर सेफ है. अगर आप किसी और स्टेट से कंपेयर करें तो राजस्थान में जो माहौल है वो सबसे ज्यादा अच्छा माहौल है. हमारे जो लोग हैं वो अपने आप में ऐसे हैं कि उनको बहुत हॉस्पिटिटी की ओर मुझे लगता है हर घर में आप जाओगे तो आपको ऐसा लगेगा कि ये मेरा ही घर है. तो आपको बहुत वेलकमिंग फील करवाते हैं यहां पर लोग. ऐसा कभी महसूस ही नहीं होता कि आप बाहर से कोई आया है.
सवाल: आपका मैंने सांस्कृतिक जुड़ाव बहुत देखा है और हमने देखा कि कैसे ना सिर्फ भारत देश बाकी देशों के साथ उस संस्कृति के साथ जुड़ता हुआ नजर आया बल्कि उस कल्चर के साथ आप खुद को बहुत कनेक्ट पाती हैं. कितना इंपॉर्टेंट है एक राजनेता के लिए लोगों के बीच रहते हुए अपनी संस्कृति को जिंदा रखना और लोगों के साथ उस सांस्कृतिक जुड़ाव के साथ चलना.
जवाब: हमारे भारत की संस्कृति हमारे संस्कार यह सब तो मुझे लगता है हमारे अंदर बचपन से ही है आप में भी हैं मुझ में भी है हर एक भारतीय में होते हैं यही तो हमारी यूनिकनेस है और इसको मुझे लगता है कि नेक्स्ट जनरेशन को बताना पब्लिक एट लार्ज भी अगर हम जहां भी जाएं हम उसके बारे में चर्चा करें हम हमारे त्योहारों को सेलिब्रेट करें और ना केवल अपने आप सेलिब्रेट करें पर पब्लिक के साथ जुड़कर सेलिब्रेट करें क्योंकि जो नई जनरेशन है वो धीरे धीरे-धीरे भूलती जाएगी. नहीं तो हमारे जो जितना भी हमारे राजस्थान का कल्चर है इतना ऐसा कल्चर तो मुझे लगता है कहीं और का नहीं है. जितना हमको ये जो विरासत मिली है ये जो हमारा टेंजिबल हेरिटेज है इनटेंजिबल हेरिटेज है ये हमको हमारे राजस्थान में एक विशेष है यूनिक है. तो इसको हम लोग कैसे बढ़ा सकते हैं? उसके लिए भी मैं हमेशा ही जो भी मेरे से हो सकता है मैं करती हूं.
राजस्थान कल्चरल डिपार्टमेंट है हमारा टूरिज्म एंड कल्चर दोनों आर्ट एंड कल्चर उसमें भी हम प्रयास करते हैं ज्यादा से ज्यादा इस तरह के हम लोग एक्टिविटीज करें प्रोग्राम्स करें हमारे जितने भी अलग-अलग राजस्थान में बहुत अलग-अलग संभाग हैं वहां से जितने भी हमारे आर्टिस्ट हैं हमारे लोक कलाकार हैं उनको भी हम लोग प्लेटफार्म दें ताकि वो आए जयपुर आए बड़े-बड़े इवेंट्स में चाहे वो आईफा हो या कोई ऐसा बड़ा आयोजन हो वहां पर उनको परफॉर्म करने का भी अवसर मिले और ना केवल राजस्थान में लेकिन राजस्थान के बाहर भी इनको अवसर मिले कि यह अपनी परफॉर्मेंस भी करें और लोगों को हमारे राजस्थान के कल्चर के बारे में बताएं.
सवाल: इतनी कल्चर और इतने टूरिज्म की बात हो रही है तो मुख्यमंत्री जी भी खुद टूरिज्म में बहुत ज्यादा रुचि भी रखते हैं और उसको साथ-साथ आगे बढ़ाने की बात करते हैं. कैसे आप उसे देखते?
जवाब: बहुत खुशी की बात है. आज भी हमारे शेखावाटी हेरिटेज के बारे में मुख्यमंत्री जी ने बैठक रखी है और इससे पहले भी महाराणा प्रताप सर्किट पुष्कर कॉरिडोर इसके बारे में मुख्यमंत्री जी ने अपने स्तर पर भी रिव्यु बैठक ली थी. तो यह बहुत ही अच्छा लगता है साथ में मिलकर काम करना. एक टीम वर्क के साथ हम राजस्थान को विकसित राजस्थान बनाने की ओर अग्रसर हैं. हम सब मिलकर काम कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें: भजनलाल सरकार की Women Empowerment का चेहरा हैं दीया कुमारी: Dr. Jagdeesh Chandra