'राफेल' नहीं गिरा, पाकिस्तान की उम्मीदें गिरीं; X-Guard डिकॉय ने रच दिया आधुनिक युद्ध का सबसे बड़ा छलावा

    पहलगाम हमले के बाद जब भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” की शुरूआत की, तब दुनिया ने सोचा कि यह महज एक जवाबी सैन्य कार्रवाई है. लेकिन हकीकत में यह एक बेहद चालाकी से तैयार की गई इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर की मिसाल बन गई.

    Rafale did not fall Pakistan X Guard decoy
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    पहलगाम हमले के बाद जब भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” की शुरूआत की, तब दुनिया ने सोचा कि यह महज एक जवाबी सैन्य कार्रवाई है. लेकिन हकीकत में यह एक बेहद चालाकी से तैयार की गई इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर की मिसाल बन गई. और पाकिस्तान? उसने दुनिया के सामने दावा किया कि उसने भारत का एक राफेल जेट मार गिराया. लेकिन भारत ने न कोई पुष्टि की, न खंडन. चुप्पी में ही असली कहानी छिपी थी.

    अब इस रहस्य से पर्दा उठाया है अमेरिका के पूर्व F-16 फाइटर पायलट और रक्षा विशेषज्ञ रायन बोडेनहाइमर ने. उनका दावा है — पाकिस्तान ने जिस राफेल को गिराया समझा, वह दरअसल एक ‘X-Guard’ डिकॉय था, यानी एक तकनीकी छलावा जो दिखने में राफेल जैसा ही लगता है, लेकिन असल में एक इलेक्ट्रॉनिक भ्रम है.

    क्या है X-Guard? राफेल का अदृश्य हथियार

    X-Guard कोई आम डिवाइस नहीं. यह राफेल के इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम का वो हिस्सा है जो दुश्मन को पूरी तरह भ्रमित करने की क्षमता रखता है.

    • यह एक फाइबर ऑप्टिक टो-ड डिकॉय सिस्टम है, जिसका वजन करीब 30 किलो होता है.
    • यह राफेल से 100 मीटर लंबे फाइबर ऑप्टिक केबल के जरिए जुड़ा होता है.
    • खतरा भांपते ही यह सिर्फ सेकंड्स में एक्टिव हो जाता है और 360 डिग्री में 500 वॉट का जैमिंग सिग्नल पैदा करता है.

    डिकॉय सिस्टम रडार पर बिल्कुल असली राफेल जैसा सिग्नल भेजता है — चाहे वो रेंज हो, स्पीड हो या डॉपलर सिग्नेचर. यानी दुश्मन का रडार सोचता है कि असली राफेल सामने है और मिसाइल उसी की ओर दाग देता है. लेकिन असली राफेल तो कहीं और होता है — पूरी तरह सुरक्षित.

    पाकिस्तान का दावा और भारत की रणनीतिक चुप्पी

    पाकिस्तान ने बड़े गर्व से दुनिया को बताया कि उसने भारत के एक राफेल जेट को मार गिराया. लेकिन भारत सरकार की तरफ से ना कोई पुष्टि आई, ना कोई विजुअल सबूत. और अब सामने आ रहा है कि यही चुप्पी असली गेम-प्लान थी. रायन बोडेनहाइमर ने IDRW.org को दिए इंटरव्यू में कहा, "ये भारत की ओर से इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर की सबसे प्रभावशाली रणनीति थी. पाकिस्तान के J-10C जेट और उनके चीनी PL-15E मिसाइल सिस्टम को पूरी तरह धोखा दिया गया."

    यहां तक कि पाकिस्तान के एडवांस AESA रडार (KLJ-7A) को भी समझ में नहीं आया कि वह असली राफेल पर लॉक कर रहा है या डिकॉय पर. यह पूरी योजना इतनी परफेक्ट थी कि पाकिस्तान को सच में लगा कि उसने राफेल मार गिराया है — जबकि सच्चाई कुछ और थी.

    आधिकारिक बयान: भारत की चुप्पी में था जवाब

    भारत के रक्षा सचिव आरके सिंह ने CNBC-TV18 को दिए इंटरव्यू में पाकिस्तान के दावे को पूरी तरह नकारते हुए कहा, “हमारे किसी भी राफेल को कोई नुकसान नहीं पहुंचा. पाकिस्तान को मानव और संसाधन दोनों स्तर पर काफी भारी नुकसान झेलना पड़ा है. हमारी सेनाओं को फुल ऑपरेशनल फ्रीडम मिली हुई है, और वो इसका पूरा फायदा उठा रही हैं.”

    चीन की चालें और फ्रांस की सतर्कता

    जैसे ही पाकिस्तान के दावे को अंतरराष्ट्रीय मीडिया में जगह मिली, फ्रांसीसी खुफिया एजेंसियों ने बड़ा दावा किया — कि चीन ने जानबूझकर फ्रांस के राफेल जेट की साख को गिराने की कोशिश की. इसके लिए उसने दुनिया भर में मौजूद अपने दूतावासों के जरिए मीडिया में प्रोपेगेंडा फैलाया.

    वहीं दूसरी तरफ, Dassault Systems (राफेल बनाने वाली कंपनी) ने हाल ही में अपने इस डिकॉय सिस्टम का नया वर्जन X-Guard RT लॉन्च किया है. खास बात यह है कि अब यह सिस्टम किसी भी अन्य फाइटर जेट पर भी लगाया जा सकता है — यानी सिर्फ राफेल तक सीमित नहीं रहेगा.

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