तुर्की का बांग्लादेश में पैठ बनाने की कोशिश, ब्रह्मोस की ताकत वाले फाइटर जेट से मिलेगा जवाब? राफेल से भी सस्ता

    वैश्विक मोर्चों पर उथल-पुथल के बीच भारत के सामने दो मोर्चों पर खतरा लगातार गहराता जा रहा है — एक तरफ पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान, दूसरी ओर उत्तर में चीन.

    Turkiye attempt Bangladesh fighter jet Brahmos Rafale
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    दुनिया में इस वक़्त जो कुछ हो रहा है — वो सिर्फ कूटनीति और बयानबाज़ी तक सीमित नहीं है. अब बात सीधी ताकत की हो रही है. वैश्विक मोर्चों पर उथल-पुथल के बीच भारत के सामने दो मोर्चों पर खतरा लगातार गहराता जा रहा है — एक तरफ पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान, दूसरी ओर उत्तर में चीन. और अब इस रणनीतिक घेराबंदी में तुर्की और बांग्लादेश जैसे तीसरे पक्षों की मौजूदगी भी भारत के लिए नई चिंता का कारण बनती जा रही है.

    पहलगाम हमले के बाद भारत ने जब "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत आतंक के खिलाफ खुला ऐलान किया, तब कई देशों का असली चेहरा सामने आया. पाकिस्तान तो पहले से लिस्ट में था, लेकिन तुर्की के खुलकर पाकिस्तान को ड्रोन और सैन्य सहायता भेजने की खबरों ने खतरे को और बढ़ा दिया. इसी दौरान बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के गिरने और मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार के गठन के बाद भारत-विरोधी चालों का जो दौर शुरू हुआ है, उसने बांग्लादेश को भी रणनीतिक मानचित्र पर एक अनिश्चित बिंदु बना दिया है.

    ऐसे माहौल में जब सीमा के पार हर हरकत में साज़िश की बू आती हो, भारत के लिए अब कोई भी कोना 'सुरक्षित' नहीं कहा जा सकता. लिहाज़ा, भारत ने अपने सशस्त्र बलों को हाई-गेयर में डाल दिया है — खासकर वायुसेना को.

    तेजस Mk1A: आत्मनिर्भर भारत का आसमानी योद्धा

    भारतीय वायुसेना की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक रही है — स्क्वाड्रन गैप. सेना को 41 से 42 स्क्वाड्रन की ज़रूरत है, जबकि अभी सिर्फ 31 स्क्वाड्रन मौजूद हैं. ऐसे में तेजस Mk1A फाइटर जेट भारत के लिए केवल एक रक्षा उपकरण नहीं, बल्कि सामरिक बैलेंस का जरूरी हिस्सा बन चुका है.

    2021 में HAL (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) के साथ 83 तेजस Mk1A फाइटर जेट की डील की गई थी जिसकी कीमत थी ₹48,000 करोड़. अब वायुसेना इस डील को और आगे बढ़ाते हुए HAL को 97 और तेजस Mk1A के ऑर्डर देने की तैयारी में है. अगर यह ऑर्डर फाइनल हो गया, तो वायुसेना के पास 180 तेजस फाइटर जेट की ताकत होगी — जो ना सिर्फ उसकी युद्धक क्षमता को नई ऊंचाई देगी, बल्कि भारतीय एविएशन इंडस्ट्री को भी एक बूस्ट मिलेगा.

    देरी, दबाव और HAL का जवाब

    हालांकि, इस मिशन में कुछ अड़चनें भी आईं. अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक की ओर से समय पर इंजन डिलीवरी न हो पाने के कारण 83 तेजस Mk1A की सप्लाई में देरी हुई. वायुसेना ने इस पर नाराज़गी जताई और HAL पर दबाव बना. अब HAL ने नासिक में एक नई प्रोडक्शन लाइन शुरू कर दी है और दावा किया है कि 2025 से सप्लाई शुरू हो जाएगी.

    HAL के चेयरमैन डी.के. सुनील का कहना है कि यदि नए 97 फाइटर जेट का ऑर्डर आता है, तो HAL उसे 2031 तक पूरा कर देगा. HAL का लक्ष्य है कि 2027 से हर साल 30 तेजस Mk1A तैयार किए जाएं, ताकि डिफेंस गैप को समय रहते पूरा किया जा सके.

    तकनीक में भी आत्मनिर्भरता और शक्ति का मेल

    • तेजस Mk1A न सिर्फ 'मेड इन इंडिया' है, बल्कि इसकी तकनीकी खूबियां भी किसी इंटरनेशनल फाइटर जेट से कम नहीं हैं.
    • इसमें लगेगा AESA रडार सिस्टम (Active Electronically Scanned Array) जो दुश्मन को पहले भांपने में मदद करेगा.
    • इसमें ब्रह्मोस-एनजी और अस्त्र Mk-2 जैसी मिसाइलें लगाई जाएंगी, जिनसे दुश्मन को बिना सीमा पार किए ही तबाह किया जा सकता है.
    • तेजस Mk1A की कॉम्बैट रेडियस 500 किमी होगी — यानी ये जेट टारगेट पर हमला कर लौट भी सकता है, वो भी दुश्मन की सीमा में दाखिल हुए बिना.
    • इसमें इस्तेमाल होगा जनरल इलेक्ट्रिक का F404-IN20 इंजन, जो परफॉर्मेंस को नई रफ्तार देगा.

    लागत में भी भारी फायदा

    राफेल और एफ-35 जैसे फाइटर जेट्स के मुकाबले तेजस Mk1A बेहद किफायती है.

    • तेजस Mk1A: ₹618 करोड़ प्रति यूनिट
    • राफेल: ₹2,194 करोड़ प्रति यूनिट
    • F-35 (5th Gen Stealth): ₹942 करोड़ प्रति यूनिट

    इस लिहाज से तेजस Mk1A न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद है, बल्कि रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में भी बड़ा कदम है.

    5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की तैयारी भी तेज

    तेजस की सफलता के साथ ही भारत अब 5वीं पीढ़ी के स्टेल्थ फाइटर जेट्स की खरीद पर भी गंभीरता से विचार कर रहा है. चीन पहले ही J-20 जैसे एडवांस्ड जेट्स विकसित कर चुका है और खबर है कि वह पाकिस्तान को भी ऐसे विमानों से लैस करने वाला है. ऐसे में भारत के पास कोई विकल्प नहीं बचता कि वह अपनी वायुसेना को भविष्य की जरूरतों के मुताबिक तैयार करे.

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