Agra News: अब आगरा सिर्फ ताजमहल के लिए ही नहीं, बल्कि स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के लिए भी पहचाना जाएगा. केंद्र सरकार ने ‘नमामि गंगे मिशन’ के तहत आगरा को एक बड़ी सौगात दी है. शहर के सीवेज और नालों की दशा सुधारने के लिए 126.41 करोड़ रुपये की नई परियोजना को हरी झंडी मिल गई है. यह कदम आगरा की खूबसूरती और जीवनशैली को एक नई दिशा देगा.
परियोजना के मुख्य बिंदु
यह योजना आगरा के सीवेज सिस्टम को मजबूत करने और नालों के पानी को ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाने पर केंद्रित है. इसके तहत 40 नई इंटरसेप्शन और डाइवर्जन संरचनाएं बनाई जाएंगी. 21.20 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई जाएगी. 8 अत्याधुनिक पंपिंग स्टेशन लगाए जाएंगे. 5 प्रमुख नालों में ट्रैश स्क्रीन लगाकर कचरा रोका जाएगा. इस परियोजना से शहर की जल निकासी प्रणाली में बड़ा सुधार होगा, जिससे गंदा पानी सीधे नदियों में न जाकर पहले शुद्ध किया जाएगा.
परियोजना का संचालन मॉडल
इस पूरे कार्य को ‘डिजाइन-बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (DBOT)’ मॉडल के तहत लागू किया जाएगा. यानी निर्माण करने वाली एजेंसी ही कुछ वर्षों तक इसका संचालन भी करेगी, जिससे गुणवत्ता और निगरानी दोनों सुनिश्चित होंगे.
घाघरा और गोमती के लिए वैज्ञानिक मूल्यांकन
बैठक में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया, जिसके अंतर्गत घाघरा और गोमती नदी के जल प्रवाह और पारिस्थितिकीय संतुलन का मूल्यांकन किया जाएगा. इसके लिए 8 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है. ड्रोन और स्थल सर्वेक्षण की मदद से इन नदियों की मौजूदा स्थिति और जलवायु परिवर्तन का प्रभाव आंका जाएगा.
‘जोहकासो’ तकनीक से घर-घर जलशोधन
उन क्षेत्रों में जहां सीवेज लाइन नहीं है, वहां जापानी ‘जोहकासो तकनीक’ से घरेलू जलशोधन को बढ़ावा दिया जाएगा. यह तकनीक छोटे स्तर पर ही गंदे पानी को शुद्ध करने में सक्षम है और इससे घर-घर स्वच्छता सुनिश्चित होगी.
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