Indian Navy Exercise: भारत की नौसेना इस वक्त दो मोर्चों पर पूरी मजबूती से सक्रिय है, एक ओर ऑपरेशन सिंदूर के तहत देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में जुटी है, वहीं दूसरी ओर मित्र देशों के साथ नौसैनिक अभ्यास (नेवल एक्सरसाइज) के जरिए वैश्विक साझेदारी को और गहरा कर रही है.
नेवी वाइस चीफ वाइस एडमिरल संजय वात्सायन ने शुक्रवार को कहा कि भारत की नौसेना न केवल हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी रणनीतिक मौजूदगी का भी प्रदर्शन करने जा रही है.
ऑपरेशन सिंदूर और अंतरराष्ट्रीय सहयोग
वाइस एडमिरल वात्सायन ने बताया कि भारतीय नौसेना ऑपरेशन सिंदूर के तहत हर स्थिति का सामना करने को तैयार है. उन्होंने कहा, “हम ऑपरेशन सिंदूर के तहत पूरी तरह तैनात हैं और साथ ही अपने मित्र देशों के साथ नौसैनिक सहयोग भी जारी रखे हुए हैं. यही हमारे आने वाले इंटरनैशनल फ्लीट रिव्यू और मिलन एक्सरसाइज का मुख्य संदेश है.”
इन दोनों आयोजनों के माध्यम से भारत न केवल अपनी सैन्य क्षमता का प्रदर्शन करेगा, बल्कि ‘सहयोग से सुरक्षा’ (Security Through Cooperation) का संदेश भी दुनिया को देगा.
हिंद महासागर क्षेत्र में चीन सहित हर जहाज पर पैनी नजर
इंडियन नेवी ने साफ किया है कि हिंद महासागर क्षेत्र (Indian Ocean Region) में प्रवेश करने वाले हर शिप की निगरानी की जा रही है. वाइस एडमिरल वात्सायन ने कहा, “हमारे रडार पर हर जहाज है, चाहे वह किसी भी देश का हो. हम जानते हैं कि वे कब आते हैं, क्या गतिविधियां करते हैं और कब लौटते हैं.”
उन्होंने बताया कि चीन के 3 से 4 जहाज अक्सर हिंद महासागर में मौजूद रहते हैं और कई बार इनकी संख्या 5 से 6 तक पहुंच जाती है. वात्सायन ने माना कि मौजूदा भूराजनीतिक स्थिति (Geopolitical Scenario) के चलते बाहरी शक्तियों की मौजूदगी इस क्षेत्र में और बढ़ी है, लेकिन भारतीय नौसेना हर चुनौती के लिए तैयार है.
हिंद महासागर: व्यापार और ऊर्जा का धड़कता मार्ग
वाइस एडमिरल वात्सायन ने यह भी कहा कि हिंद महासागर आज भी वैश्विक व्यापार और तेल आपूर्ति का प्रमुख समुद्री मार्ग है और यह स्थिति भविष्य में भी बनी रहेगी.
उन्होंने भरोसा दिलाया कि भारतीय नौसेना इस क्षेत्र की सुरक्षा, निगरानी और स्थिरता बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठा रही है.
विशाखापट्टनम में 18 फरवरी को इंटरनैशनल फ्लीट रिव्यू
भारत की नौसैनिक शक्ति का अगला बड़ा प्रदर्शन 18 फरवरी 2026 को विशाखापट्टनम में होगा, जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इंटरनैशनल फ्लीट रिव्यू करेंगी. साल 2016 के बाद यह पहला मौका होगा जब इतना बड़ा समुद्री समारोह आयोजित किया जाएगा.
इसके साथ ही ‘मिलन एक्सरसाइज’ भी आयोजित होगी, जिसमें 55 से अधिक देशों ने भाग लेने की सहमति दी है. जापान, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और रूस जैसे देशों ने भी अपनी नौसैनिक ताकत के साथ हिस्सा लेने की पुष्टि की है. इस बार कुछ देश अपने एयर एसेट्स (वायु संसाधन), जैसे लड़ाकू विमान और पनडुब्बी निगरानी विमान भी लाने की तैयारी में हैं.
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