2020 Delhi Movie: साल 2020 एक ऐसा साल जिसने न केवल देश बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर दिया. जहां एक ओर महामारी की आहट थी, वहीं दूसरी ओर दिल्ली की गलियों में इंसानियत का चेहरा झुलसता दिखाई दिया. इसी सच्चाई को पर्दे पर उतारने आ रही है फिल्म "2020 Delhi" जो न सिर्फ एक कहानी है, बल्कि उस दौर का दस्तावेज़ है, जिसे हर भारतीय ने किसी न किसी रूप में महसूस किया.
2020 Delhi को खास बनाता है इसका निर्माण तरीका. यह फिल्म भारत की पहली 'वन-शॉट' (Single Shot) हिंदी फीचर फिल्म है. यानी इसे बिना किसी कट के, एक ही शॉट में फिल्माया गया है. निर्देशक देवेन्द्र मालवीय (Devendra Maalviya) ने इस प्रयोग को अंजाम दिया है, जो भारतीय सिनेमा में एक नई तकनीकी क्रांति मानी जा रही है.
फिल्म की कहानी – एक दिन, हजारों जिंदगियां
फिल्म की कहानी फरवरी 2020 की उन घटनाओं के इर्द-गिर्द घूमती है जब दिल्ली की सड़कों पर हिंसा, भय और अस्थिरता का माहौल था. 2020 Delhi" दर्शकों को उस दिन की वास्तविकता के बीच खड़ा कर देती है, जब शहर दो हिस्सों में बंट चुका था. एक ओर विरोध की आवाज़ें थीं, तो दूसरी ओर राजनीति की गूंज फिल्म में आम लोगों के दृष्टिकोण से दिखाया गया है कि कैसे एक साधारण परिवार, एक पत्रकार और एक पुलिसकर्मी इस हिंसक दौर में अपने-अपने सच से जूझ रहे हैं.
ट्रेलर में झलकता दर्द और सच्चाई
फिल्म का ट्रेलर यूट्यूब पर रिलीज़ होते ही चर्चा में आया था. ट्रेलर की शुरुआत शांत दिल्ली की तस्वीरों से होती है, जो देखते-देखते आग, चीख और भगदड़ में बदल जाती है. डायलॉग्स बेहद असरदार हैं “यहां कोई शांत कोना नहीं बचा…” जैसी पंक्तियाँ दिल में उतर जाती हैं. फिल्म यह संदेश देती है कि इतिहास को सिर्फ किताबों में नहीं, बल्कि इंसानों की आंखों में पढ़ा जा सकता है.
रिलीज़ डेट और उम्मीदें
फिल्म 14 नवंबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी. ट्रेलर देखकर यह साफ है कि “2020 Delhi” सिर्फ एक घटना पर आधारित फिल्म नहीं, बल्कि समाज और सियासत के बीच संघर्ष की गूंज है. निर्माता-निर्देशक ने इसे एक डॉक्यूमेंट्री और फिक्शन के बीच की रेखा पर खड़ा किया है, जहां हर सीन यथार्थ की तरह महसूस होता है.
यह भी पढ़ें: बिग-बॉस हाउस में कुनिका सदानंद के साथ हुई धक्का-मुक्की, अमाल मलिक से घरवाले हुए नाराज