Delhi AQI: देश की राजधानी दिल्ली इन दिनों दोहरी मार झेल रही है- एक ओर जहरीला वायु प्रदूषण और दूसरी ओर मौसम की अनिश्चित ठंड. बीते 24 घंटों में हालात और ज्यादा बिगड़ गए हैं. दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और आसपास के NCR इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) एक बार फिर बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. कई क्षेत्रों में AQI 700 से ऊपर दर्ज किया गया, जिससे आम जनजीवन, स्वास्थ्य और यातायात पर गंभीर असर पड़ा है.
सुबह के समय स्थिति सबसे ज्यादा चिंताजनक रही, जब कई इलाकों में विजिबिलिटी लगभग शून्य हो गई. घनी धुंध और स्मॉग की परत के कारण सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आए और लोगों को आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ और गले में खराश जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा.
दिल्ली-NCR में प्रदूषण क्यों अचानक बढ़ा?
पिछले कुछ दिनों तक दिल्ली-NCR में 15 से 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाओं ने प्रदूषण को कुछ हद तक नियंत्रित कर रखा था. लेकिन अब हवा की गति घटकर करीब 8 किलोमीटर प्रति घंटे रह गई है. जैसे ही हवाएं कमजोर पड़ीं, वैसे ही प्रदूषक तत्व वातावरण में जमा होने लगे और स्मॉग की मोटी परत पूरे NCR में फैल गई.
दिन के समय हल्की धूप महसूस हो रही है, लेकिन ठंडी हवाओं की कमी के कारण प्रदूषण साफ नहीं हो पा रहा. रात के समय ठंड जरूर बढ़ती है, लेकिन अभी यह कड़ाके की सर्दी के स्तर तक नहीं पहुंची है, जिससे प्रदूषण को नीचे बैठने का मौका मिल रहा है.
AQI और तापमान के ताजा आंकड़े बढ़ा रहे चिंता
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली और आसपास के शहरों में हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है.
तापमान की बात करें तो:
NCR के अन्य इलाकों में स्थिति और भी ज्यादा खराब नजर आई:
नोएडा: AQI 766, तापमान 23/11 डिग्री
गाजियाबाद: AQI 672, तापमान 23/10 डिग्री
गुरुग्राम: AQI 416
ग्रेटर नोएडा: AQI 850, जो सबसे चिंताजनक स्तर माना जा रहा है
ये आंकड़े साफ तौर पर दिखाते हैं कि NCR की हवा आम लोगों के लिए लगातार जोखिम भरी बनी हुई है.
स्वास्थ्य और यातायात पर गंभीर असर
इतना अधिक AQI बच्चों, बुजुर्गों और सांस व हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है. अस्पतालों में सांस से जुड़ी शिकायतों के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. इसके अलावा घनी धुंध के कारण:
क्यों नहीं बढ़ेगी अभी कड़ाके की सर्दी?
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार 13 से 18 दिसंबर के बीच तापमान में किसी बड़े बदलाव की संभावना नहीं है. इस दौरान:
हवाओं की रफ्तार में भी फिलहाल कोई बड़ी बढ़ोतरी नहीं दिख रही है, जिससे प्रदूषण को फैलने से रोकने में मदद नहीं मिल पा रही.
ये भी पढ़ें- अमेरिका का टैरिफ बेअसर! भारत ने बनाया रूसी तेल खरीद का रिकॉर्ड, क्यों नहीं हुआ ट्रंप की धमकी का असर?