क्लास 5वीं तक के स्कूल बंद, ऑफिसों में वर्क फ्रॉम होम, GRAP-4 लागू... दिल्ली-NCR में प्रदूषण का कहर

    दिल्ली-एनसीआर में ठंड के साथ वायु प्रदूषण ने गंभीर रूप ले लिया है.

    Pollution in Delhi-NCR Work from home in offices GRAP-4 applied++
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ ANI

    दिल्ली-एनसीआर में ठंड के साथ वायु प्रदूषण ने गंभीर रूप ले लिया है. राजधानी का आसमान घनी धुंध और स्मॉग से ढका हुआ है और हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि सांस लेना मुश्किल हो गया है. वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार पहुंचने के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने 14 दिसंबर को ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के सबसे सख्त चरण-4 को लागू कर दिया.

    हालात की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 14 दिसंबर को दिल्ली का औसत AQI करीब 493 दर्ज किया गया. इसके बावजूद प्रदूषण में कोई खास सुधार नहीं हुआ और लगातार तीसरे दिन राजधानी गैस चैंबर जैसी बनी रही. सोमवार को दिल्ली के 11 इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘सीवियर प्लस’ श्रेणी में रही, जहां AQI 450 से ऊपर दर्ज किया गया.

    निर्माण कार्य और उद्योगों पर पूरी तरह रोक

    GRAP-4 लागू होने के बाद सबसे बड़ा असर निर्माण और औद्योगिक गतिविधियों पर पड़ा है. दिल्ली-एनसीआर में सभी तरह के कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन कार्य पूरी तरह रोक दिए गए हैं. खुदाई, पाइलिंग, अर्थवर्क और स्ट्रक्चरल वर्क पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.

    यह रोक केवल निजी परियोजनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि मेट्रो, रेलवे, एयरपोर्ट और हाईवे जैसे बड़े पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट भी इससे प्रभावित हुए हैं. केवल आपातकालीन मरम्मत और सुरक्षा से जुड़े कार्यों को सीमित छूट दी गई है.

    इसके साथ ही प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर भी सख्ती की गई है. स्टोन क्रशर, ईंट भट्टे, हॉट मिक्स प्लांट और खनन से जुड़ी इकाइयों को बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं. कोयला, फर्नेस ऑयल या अन्य प्रदूषणकारी ईंधन पर चलने वाली फैक्ट्रियों को भी फिलहाल संचालन की अनुमति नहीं है.

    डीजल जनरेटर और खुले में जलाने पर सख्त प्रतिबंध

    प्रदूषण को बढ़ाने वाली गतिविधियों पर पूरी तरह रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं. कचरा, पत्ते या बायोमास को खुले में जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लागू है. डीजल जनरेटर सेट्स का उपयोग केवल अस्पतालों, टेलीकॉम सेवाओं, डेटा सेंटर और अन्य जरूरी आपात सेवाओं तक सीमित कर दिया गया है.

    प्रशासन ने साफ किया है कि धूल या उत्सर्जन बढ़ाने वाली किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

    वाहनों की आवाजाही पर कड़े नियम

    GRAP-4 के तहत वाहनों पर भी सख्त पाबंदियां लगाई गई हैं. दिल्ली और एनसीआर के शहरों—गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद—में BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल चारपहिया वाहनों के चलने पर रोक लगा दी गई है.

    अंतरराज्यीय डीजल बसों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है. केवल इलेक्ट्रिक, CNG या BS-VI डीजल बसें ही चल सकेंगी. ट्रकों की एंट्री भी सीमित कर दी गई है, हालांकि दूध, फल और सब्जियों जैसी आवश्यक वस्तुएं ले जाने वाले वाहनों को छूट दी गई है. पुराने डीजल मीडियम गुड्स वाहनों पर भी प्रतिबंध लागू है.

    जरूरी सेवाएं और सार्वजनिक परिवहन जारी

    हालांकि सख्त पाबंदियों के बीच जरूरी सेवाओं को पूरी छूट दी गई है. अस्पताल, एंबुलेंस, फायर सर्विस, बिजली-पानी की सप्लाई, सीवरेज, आपदा प्रबंधन और प्रदूषण नियंत्रण से जुड़ी एजेंसियां सामान्य रूप से काम करती रहेंगी.

    सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली मेट्रो और डीटीसी बस सेवाएं जारी रहेंगी. प्रशासन ने मेट्रो की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने और अतिरिक्त CNG व इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर उतारने के निर्देश दिए हैं, ताकि लोग निजी वाहनों का कम इस्तेमाल करें.

    बाजार, बैंक और क्लीन फ्यूल वाले उद्योग खुले

    दिल्ली-एनसीआर में बाजार और दुकानें खुली रहेंगी. बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान भी सामान्य रूप से काम करेंगे. इसके अलावा CNG और LNG जैसे स्वच्छ ईंधन पर आधारित उद्योगों को संचालन की अनुमति दी गई है, क्योंकि इनसे प्रदूषण अपेक्षाकृत कम होता है.

    स्कूलों पर प्रदूषण की मार, छोटे बच्चों के लिए छुट्टी

    बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए शिक्षा व्यवस्था पर भी असर पड़ा है. दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग ने नर्सरी से लेकर कक्षा पांच तक के छात्रों के लिए स्कूलों में फिजिकल क्लास बंद करने के आदेश दिए हैं. यह आदेश सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों पर लागू है.

    हालांकि पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए स्कूलों को ऑनलाइन मोड में कक्षाएं संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं. कक्षा छह से नौ और कक्षा 11 के छात्रों के लिए हाइब्रिड मोड में पढ़ाई जारी रहेगी. स्कूल प्रशासन को अभिभावकों तक यह जानकारी तुरंत पहुंचाने को कहा गया है.

    नोएडा और गाजियाबाद में भी स्कूल बंद

    दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर के अन्य शहरों में भी सख्त फैसले लिए गए हैं. नोएडा में कक्षा पांच तक के स्कूल बंद कर दिए गए हैं और ऑनलाइन कक्षाएं चलाने के निर्देश दिए गए हैं. कक्षा छह से बारह तक के छात्रों के लिए हाइब्रिड मोड अपनाया गया है.

    गाजियाबाद प्रशासन ने भी प्रदूषण को देखते हुए कक्षा पांच तक के सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी किया है.

    दफ्तरों में 50% वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य

    जहरीली हवा के बीच दिल्ली सरकार ने सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में वर्क फ्रॉम होम लागू किया है. सरकारी दफ्तरों में केवल 50 प्रतिशत कर्मचारियों की फिजिकल मौजूदगी होगी, जबकि बाकी कर्मचारी घर से काम करेंगे.

    प्राइवेट ऑफिसों के लिए भी यही नियम लागू किया गया है. जहां संभव हो, वहां स्टैगर्ड टाइमिंग अपनाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि ट्रैफिक और प्रदूषण का दबाव कम हो. केंद्र सरकार के दफ्तरों और NCR के अन्य राज्यों में भी CAQM के निर्देशों के अनुसार समान व्यवस्था लागू की जा रही है.

    प्रदूषण के साथ-साथ घने कोहरे ने भी लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विजिबिलिटी कम होने के कारण कई उड़ानें देरी से संचालित हो रही हैं. एयरलाइंस ने यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी की है.

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