दुनिया को बड़ी चेतावनी दे रहे जेलेंस्की, रूस से युद्ध की तैयारी में जुटा यूरोप!

    रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग अब यूरोपीय धरती पर अपने असर की परछाइयां छोड़ने लगी है. हाल ही में पोलैंड और रोमानिया की सीमा में रूसी ड्रोन देखे जाने के बाद पूरे यूरोप में खतरे की घंटी बज चुकी है.

    Poland Deployed nato arms says war will exceed in other countries alert
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    रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग अब यूरोपीय धरती पर अपने असर की परछाइयां छोड़ने लगी है. हाल ही में पोलैंड और रोमानिया की सीमा में रूसी ड्रोन देखे जाने के बाद पूरे यूरोप में खतरे की घंटी बज चुकी है. मामला सिर्फ सैन्य प्रतिक्रिया का नहीं, बल्कि संभावित युद्ध के विस्तार की तरफ इशारा करता है. यही वजह है कि पोलैंड ने अब अपने क्षेत्र में NATO सैनिकों की तैनाती का ऐलान कर दिया है.

    पोलैंड के राष्ट्रपति करोल नवरोकी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि देश की संप्रभुता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा. रूसी ड्रोन के प्रवेश को गंभीर खतरे के रूप में देखते हुए, उन्होंने नाटो के अनुच्छेद 4 (Article-4) को सक्रिय किया है. जो किसी सदस्य देश की सुरक्षा पर खतरे की स्थिति में सामूहिक चर्चा और प्रतिक्रिया का मार्ग प्रशस्त करता है. पोलैंड की सेना ने सीमा क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर और लड़ाकू विमान तैनात कर दिए हैं. यह कदम उस वक्त उठाया गया जब ड्रोन हमले की पुष्टि के बाद रक्षा विशेषज्ञों ने संभावित हमलों की आशंका जताई.

    रोमानिया में भी ड्रोनों ने दी दस्तक

    पोलैंड के बाद रोमानिया में भी रूसी ड्रोन उड़ते देखे गए, जिससे खतरा और गहराया. रोमानियाई रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की कि यूक्रेन पर रूसी हमले के दौरान कम से कम एक ड्रोन ने उनके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया. इसके बाद नाटो के अन्य सदस्य देशों ने भी स्थिति पर कड़ी नजर रखनी शुरू कर दी. हंगरी ने एहतियातन अपने दो F-16 फाइटर जेट्स रवाना कर दिए, ताकि क्षेत्रीय सुरक्षा को बनाए रखा जा सके. यह पहली बार है जब नाटो देशों ने रूस की सैन्य गतिविधियों के जवाब में सक्रिय सैन्य तैनाती की है.

    यूक्रेन की चेतावनी: युद्ध अब सीमाओं तक सीमित नहीं

    यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने इन घटनाओं को साधारण ड्रोन हमले नहीं, बल्कि रूस की रणनीतिक चाल बताया है. उनके अनुसार, यह ‘गलती से भटक गए ड्रोन’ नहीं थे, बल्कि युद्ध को विस्तारित करने की सोची-समझी योजना का हिस्सा हैं. जेलेंस्की ने यह भी कहा कि, “अब समय आ गया है जब नाटो को स्पष्ट निर्णय लेना होगा, क्योंकि युद्ध यूक्रेनी सीमा पार कर रहा है.”

    रूस ने झाड़ा पल्ला, यूक्रेन पर मढ़ा आरोप

    इन आरोपों पर रूस की ओर से प्रतिक्रिया भी आई है. मॉस्को ने किसी भी प्रकार के ड्रोन हमले में शामिल होने से इनकार किया है. रूसी अधिकारियों का दावा है कि पोलैंड और रोमानिया में देखे गए ड्रोन यूक्रेन द्वारा भेजे गए थे, और रूस की इस गतिविधि में कोई भूमिका नहीं है. हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान राजनयिक दबाव को कम करने की रणनीति हो सकती है.

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