भारत के सबसे ताकतवर इमारत का PM Modi करेंगे उद्घाटन, जानें क्यों खास है Kartvya Bhawan

    Kartvya Bhawan: देश की राजधानी में एक नया अध्याय लिखा जा रहा है. दिल्ली का सेंट्रल विस्टा क्षेत्र अब सिर्फ ऐतिहासिक इमारतों का प्रतीक नहीं, बल्कि भविष्य के स्मार्ट गवर्नेंस की पहचान बनने जा रहा है. सरकार के मंत्रालयों और विभागों के लिए बनाए जा रहे अत्याधुनिक "कर्तव्य भवनों" की इस श्रृंखला में सबसे पहले कर्तव्य भवन-3 बनकर पूरी तरह तैयार हो गया है.

    PM Modi will inaugurate India's most powerful building know why Kartvya Bhawan is special
    Image Source: Screengrab

    Kartvya Bhawan: देश की राजधानी में एक नया अध्याय लिखा जा रहा है. दिल्ली का सेंट्रल विस्टा क्षेत्र अब सिर्फ ऐतिहासिक इमारतों का प्रतीक नहीं, बल्कि भविष्य के स्मार्ट गवर्नेंस की पहचान बनने जा रहा है. सरकार के मंत्रालयों और विभागों के लिए बनाए जा रहे अत्याधुनिक "कर्तव्य भवनों" की इस श्रृंखला में सबसे पहले कर्तव्य भवन-3 बनकर पूरी तरह तैयार हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दोपहर 12:15 बजे इसका उद्घाटन करेंगे और शाम 6 बजे कर्तव्य पथ पर एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करेंगे.

    यह भवन सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि प्रशासनिक सुधार और ‘न्यू इंडिया’ के विजन की ठोस झलक है.

    क्या है खास कर्तव्य भवन-3 में?

    आधुनिक तकनीक से लैस: स्मार्ट एंट्री सिस्टम, सेंट्रल कमांड सेंटर, इलेक्ट्रॉनिक निगरानी से लेकर ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन तक, इस भवन को 21वीं सदी की जरूरतों के अनुसार डिजाइन किया गया है.

    ग्रीन बिल्डिंग की मिसाल: ऊर्जा की 30% तक बचत, एलईडी लाइटिंग, सोलर पैनल, वॉटर रीसाइक्लिंग और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट जैसी सुविधाएं इसे पर्यावरण के लिए भी जिम्मेदार बनाती हैं.

    विशाल परिसर, आधुनिक सुविधाएं: लगभग 1.5 लाख वर्ग मीटर में फैले इस परिसर में 600 कारों की पार्किंग, योगा रूम, क्रेच, मेडिकल रूम, कैफे और 24 बड़े कॉन्फ्रेंस हॉल जैसी सुविधाएं मौजूद हैं.

    कौन-कौन से मंत्रालय होंगे यहां?

    कर्तव्य भवन-3 में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, पेट्रोलियम मंत्रालय और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय जैसे अहम विभाग एक ही छत के नीचे काम करेंगे. इससे मंत्रालयों के बीच समन्वय और कार्य कुशलता में भारी सुधार की उम्मीद है.

    क्या होगा पुराने भवनों का?

    शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन जैसी करीब 75 साल पुरानी इमारतें जल्द ही ध्वस्त की जाएंगी. ये भवन अब पुराने पड़ चुके हैं और इनका रखरखाव सालाना करोड़ों में पड़ता है. वहीं, नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को भी खाली कराया जाएगा और यहां ‘युगे-युगीन भारत संग्रहालय’ बनाया जाएगा, जो देश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को संजोने का काम करेगा.

    2031 तक पूरी होगी पूरी परियोजना

    कर्तव्य भवन-1 और 2 अगले महीने तक तैयार हो जाएंगे और बाकी सात भवन अप्रैल 2027 तक बनकर तैयार हो जाएंगे. पूरी सेंट्रल विस्टा परियोजना,  जिसमें नए पीएम आवास और ऑफिस का निर्माण भी शामिल है, दिसंबर 2031 तक पूरी हो जाएगी. इस पूरी योजना पर करीब 1000 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है, लेकिन इससे हर साल करीब 1500 करोड़ रुपये का किराया खर्च बचाया जा सकेगा.

    कर्तव्य भवन-3: एक नजर में
    सुविधा                       विवरण
    कुल क्षेत्रफल      1.50 लाख वर्ग मीटर
    तल            2 बेसमेंट सहित कुल 10 तल
    पार्किंग            600 कारों की क्षमता
    कॉन्फ्रेंस हॉल            24 बड़े, 26 छोटे, 67 मीटिंग रूम
    स्मार्ट सुविधाएं    सेंसर लाइटिंग, सोलर पैनल, स्मार्ट लिफ्ट
    अतिरिक्त सेवाएं    योगा, क्रेच, मेडिकल रूम, कैफे

    क्यों जरूरी था यह बदलाव?

    भारत बदल रहा है, और उसके प्रशासन को भी समय के साथ कदमताल मिलानी है. एक ही स्थान पर मंत्रालयों को समेटना, किराये के खर्च को कम करना और कर्मचारियों को आधुनिक व सुरक्षित कार्यस्थल देना, यही उद्देश्य है कर्तव्य भवनों के पीछे. कर्तव्य भवन-3 इस दिशा में पहला ठोस कदम है, एक ऐसा केंद्र, जहां कर्तव्य और तकनीक मिलकर भविष्य गढ़ेंगे.

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