ये हैं दुनिया की वो सबसे खतरनाक जासूस महिलाएं, जिनके बारे में जानकर हिल जाएगा दिमाग

    हम अक्सर जासूसी की कहानियों में पुरुष नायकों के कारनामों से रोमांचित होते हैं—जेम्स बॉन्ड, एथन हंट, और भी कई नाम. लेकिन जब कोई महिला जासूस सामने आती है, तो कहानी में रोमांच और रहस्य का स्तर कई गुना बढ़ जाता है.

    5 most dangerous female spies in the world
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    हम अक्सर जासूसी की कहानियों में पुरुष नायकों के कारनामों से रोमांचित होते हैं—जेम्स बॉन्ड, एथन हंट, और भी कई नाम. लेकिन जब कोई महिला जासूस सामने आती है, तो कहानी में रोमांच और रहस्य का स्तर कई गुना बढ़ जाता है. महिलाओं का खूनी या खतरनाक किरदार होना आम नहीं होता, और शायद यही वजह है कि जब ऐसा कोई चेहरा सामने आता है, तो दुनिया हैरान रह जाती है. यहां हम आपको कुछ ऐसी जानी-मानी महिला जासूसों के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने जासूसी की दुनिया में अपने नाम का डंका बजाया. ये महिलाएं सिर्फ खूबसूरत नहीं थीं, बल्कि चालाक, बहादुर और जानलेवा भी थीं.

    1. माता हारी

    प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जासूसी करने वाली सबसे चर्चित महिला थीं माता हारी. वे एक डांसर थीं, जिन्होंने 1905 में खुद को “माता हारी” के नाम से पेश किया. उनके ग्लैमरस जीवन और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन ने उन्हें एक परफेक्ट जासूस बना दिया. उनके पेशे ने उन्हें यूरोप के कई देशों की यात्रा का अवसर दिया, जिसे उन्होंने जर्मनी के लिए सूचनाएं इकट्ठा करने में इस्तेमाल किया. हालांकि उन्होंने खुद किसी की हत्या नहीं की, लेकिन उनकी जासूसी से करीब 50,000 फ्रांसीसी सैनिकों की जान गई. फ्रांस ने उन्हें देशद्रोही घोषित कर 1917 में गोली मार दी. उनकी जिंदगी पर 1931 में एक हॉलीवुड फिल्म भी बनी थी.

    2. शॉर्लेट कॉर्डे

    फ्रांसीसी क्रांति के समय एक महिला ने ऐसा काम किया, जिसने पूरा देश हिला दिया. शॉर्लेट कॉर्डे ने जीन पॉल मैराट की हत्या उस वक्त की जब वह बाथटब में नहा रहे थे. वह गिरोडिन विचारधारा की समर्थक थीं जो हिंसा के खिलाफ थी, लेकिन उन्हें यकीन था कि मैराट की मौत से हजारों लोगों की जान बचेगी. उन्होंने खुलेआम अपना अपराध कबूल किया और चार दिन बाद उन्हें फांसी दे दी गई.

    3. शी जिआनकिआओ

    चीन की इस महिला ने अपने पिता की मौत का बदला लेने के लिए जासूस बनना चुना. उन्होंने शी जिआनकिआओ के नाम से खुद को पहचान दी. 10 साल की लंबी तलाश के बाद उन्होंने पिता के हत्यारे को एक बौद्ध मंदिर में गोली मार दी. हत्या के बाद वे भागीं नहीं, बल्कि वहीं रुकीं और हत्या की जिम्मेदारी ली. कोर्ट ने इसे “भावनात्मक प्रतिशोध” मानते हुए उन्हें बरी कर दिया. 1979 में उनका निधन हुआ.

    4. ब्रिगिट मोअनहॉप्ट

    70 के दशक में जर्मनी की वाम चरमपंथी संगठन रेड आर्मी फैक्शन की प्रमुख सदस्य थीं ब्रिगिट मोअनहॉप्ट. उन्होंने पूंजीवाद के खिलाफ कई हत्याएं, बम धमाके और हाइजैकिंग जैसी गतिविधियों में हिस्सा लिया. उनकी गतिविधियों के चलते करीब 30 लोगों की मौत हुई. उन्होंने कई वर्षों तक गिरफ्तारी से बचने की कोशिश की लेकिन 1982 में पकड़ी गईं. उन्हें पांच साल और फिर नौ हत्याओं के लिए 15 साल की सजा सुनाई गई. 2007 में परोल पर रिहा कर दिया गया.

    5. एजेंट पेनेलोप

    इज़राइली खुफिया एजेंसी मोसाद की एक तेजतर्रार एजेंट थीं पेनेलोप. 1972 के म्यूनिख ओलंपिक में 11 इज़राइली खिलाड़ियों की हत्या का बदला लेने के लिए “ऑपरेशन व्रैथ ऑफ गॉड” शुरू किया गया. इस मिशन में पेनेलोप ने अली हुसैन सलामे को मारने के लिए छह हफ्तों तक निगरानी की. आखिरकार उन्होंने उस पर बम धमाके से हमला करवाया, जिसमें अली हुसैन की मौत हो गई, लेकिन खुद पेनेलोप भी उस हमले में मारी गईं.

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