PM Modi in Trinidad Parliament: पोर्ट ऑफ स्पेन में शुक्रवार को एक ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया. अपने भाषण में उन्होंने आतंकवाद को "मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन" करार देते हुए वैश्विक एकजुटता की आवश्यकता पर बल दिया.
आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की अपील
प्रधानमंत्री मोदी ने संसद भवन 'रेड हाउस' का हवाला देते हुए कहा कि यह भवन स्वयं आतंकवाद की पीड़ा का गवाह रहा है और यहां निर्दोष लोगों का खून बहा है. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि हमें आतंकवाद को न तो जगह देनी चाहिए, न ही पनाह. दुनिया को इसके खिलाफ एकजुट होकर खड़ा होना होगा. उन्होंने त्रिनिदाद और टोबैगो की जनता और सरकार को भारत के साथ खड़े रहने और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग देने के लिए धन्यवाद भी दिया.
वैश्विक व्यवस्था और 'ग्लोबल साउथ' की भूमिका
पीएम मोदी ने अपने भाषण में वैश्विक व्यवस्था की बदलती स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि पुरानी संस्थाएं अब शांति और विकास लाने में संघर्ष कर रही हैं, और इसी दौरान 'ग्लोबल साउथ' (दक्षिणी देशों का समूह) नई संभावनाओं के साथ उभर रहा है. ये देश अब एक अधिक न्यायसंगत और संतुलित विश्व व्यवस्था की उम्मीद कर रहे हैं.
ऐतिहासिक जुड़ाव और भावनात्मक संबंध
प्रधानमंत्री ने गर्व के साथ कहा कि वे इस प्रतिष्ठित रेड हाउस में बोलने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. अपने संबोधन में उन्होंने भारत और त्रिनिदाद व टोबैगो के ऐतिहासिक रिश्तों को भी भावनात्मक रूप से जोड़ा. उन्होंने उस अध्यक्षीय कुर्सी की भी चर्चा की जिसे भारत ने 1968 में त्रिनिदाद और टोबैगो को उपहार में दिया था. इस कुर्सी पर उकेरे गए शब्द हैं. भारत के लोगों की ओर से त्रिनिदाद और टोबैगो के लोगों के लिए. पीएम मोदी ने कहा कि यह सिर्फ एक कुर्सी नहीं, बल्कि हमारे दो देशों के बीच गहरी मित्रता का प्रतीक है.
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