पटना में चर्चित कारोबारी की हत्या से हड़कंप, कट्टा सटाकर मारी गोली; जानिए कौन थे गोपाल खेमका?

    घटना गांधी मैदान थाना क्षेत्र की है, जिसे पटना का सबसे सुरक्षित इलाका माना जाता है.

    Patna murder case shot Gopal Khemka
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: AI

    राजधानी पटना में अपराध की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. रविवार रात एक बार फिर अपराधियों ने न सिर्फ एक जान ली, बल्कि पुलिस और प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर दिया. जाने-माने उद्योगपति गोपाल खेमका की नृशंस हत्या ने पूरे राज्य में सनसनी फैला दी है.

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    घटना गांधी मैदान थाना क्षेत्र की है, जिसे पटना का सबसे सुरक्षित इलाका माना जाता है. हैरानी की बात यह रही कि जहां से घटना हुई, वह थाना से केवल 500 मीटर की दूरी पर है. सूत्रों के अनुसार, रविवार देर रात गोपाल खेमका बांकीपुर क्लब से अपने ट्विन टावर अपार्टमेंट लौट रहे थे. कार से उतरते ही घात लगाए बाइक सवार दो हमलावरों ने बेहद नजदीक से उन्हें कनपट्टी पर गोली मार दी और हथियार लहराते हुए फरार हो गए. उन्हें आनन-फानन में कंकड़बाग स्थित मॉडिवर्सल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

    घटनास्थल पर देर से पहुंची पुलिस, बढ़ा आक्रोश

    अस्पताल प्रबंधन द्वारा सूचना दिए जाने के बावजूद गांधी मैदान थाना की पुलिस करीब डेढ़ घंटे तक घटनास्थल पर नहीं पहुंची. इस लापरवाही से आक्रोशित परिजनों और व्यापारियों ने अस्पताल परिसर में हंगामा किया और पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए.

    कौन थे गोपाल खेमका?

    गोपाल खेमका पटना के उन प्रतिष्ठित कारोबारियों में गिने जाते थे जिनकी पहचान एक सफल व्यवसायी के साथ-साथ समाजसेवी के रूप में भी थी. वे मगध हॉस्पिटल के संचालक थे और पटना व हाजीपुर में दवा दुकानों, फैक्ट्रियों और पेट्रोल पंप जैसे कई कारोबारों से जुड़े थे. यह भी ध्यान देने वाली बात है कि उनके बेटे गुंजन खेमका की भी दिसंबर 2018 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, और वह मामला भी अब तक सुलझ नहीं सका है.

    व्यापारी वर्ग में डर का माहौल

    घटना के बाद पटना का व्यापारी वर्ग सदमे और भय में है. कई नामचीन कारोबारी खेमका परिवार के घर और अस्पताल पहुंचे और उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता जताई. सभी की एक ही मांग थी – अपराधियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाए और राजधानी में व्यापारियों को सुरक्षित माहौल मिले. परिजनों का आरोप है कि पटना पुलिस जनसुरक्षा के बजाय सिर्फ औपचारिक जांच और वाहनों की चेकिंग में व्यस्त रहती है.

    जांच जारी, पर भरोसा कमजोर

    पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है. हालांकि अब तक हमले के पीछे की मंशा या आरोपियों की पहचान स्पष्ट नहीं हो सकी है. गोपाल खेमका के परिवार में अब उनका एक बेटा बचा है, जो आईजीआईएमएस में डॉक्टर है. 

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