स्ट्राइक के डर से बंकरों में छिपे पाकिस्तानी सैनिक, LoC से इस्लामाबाद तक बढ़ाई गई सुरक्षा

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में बढ़ोतरी देखी जा रही है. भारत में इस हमले को लेकर व्यापक आक्रोश है, जबकि पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) से लेकर अंतरराष्ट्रीय सीमा तक अपनी सेना को उच्च सतर्कता पर रखा है.

    Pakistani soldiers hiding in bunkers fearing strike security beefed up from LoC to Islamabad
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    नई दिल्ली/इस्लामाबाद: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में बढ़ोतरी देखी जा रही है. भारत में इस हमले को लेकर व्यापक आक्रोश है, जबकि पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) से लेकर अंतरराष्ट्रीय सीमा तक अपनी सेना को उच्च सतर्कता पर रखा है.

    पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

    सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान की सेना ने नियंत्रण रेखा पर तैनात जवानों की संख्या में वृद्धि की है और उन्हें बंकरों के भीतर से निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं. पाकिस्तान की 10वीं कोर, जिसका मुख्यालय रावलपिंडी में है, सहित सियालकोट और गुजरांवाला स्थित सैन्य इकाइयों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है.

    इन तैयारियों के तहत सेना ने अपने सैनिकों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी हैं. सभी कोर कमांडरों को निर्देश दिए गए हैं कि अगले आदेश तक कोई भी सैन्य अवकाश स्वीकृत न किया जाए.

    भारत कड़े निर्णय लेने पर विचार कर रहा

    भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों के अनुसार, देश की सरकार नियंत्रण रेखा पर 2021 में घोषित संघर्ष विराम को लेकर पुनर्विचार कर रही है. सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद पर लगाम न लगाने और बार-बार की गई प्रतिबद्धताओं के उल्लंघन के मद्देनजर भारत कड़े निर्णय लेने पर विचार कर रहा है.

    यह रणनीति पाकिस्तान पर राजनयिक और सैन्य दबाव बढ़ाने की दिशा में एक कदम हो सकती है, और पड़ोसी देश को क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक अलग-थलग कर सकती है.

    स्थिति की संवेदनशीलता

    विश्लेषकों का मानना है कि वर्तमान हालात में दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण शांति बनी हुई है. जहां भारत जवाबी कार्रवाई के विकल्पों पर गंभीरता से विचार कर रहा है, वहीं पाकिस्तान स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए सुरक्षात्मक रुख अपना रहा है.

    सीमा पर बढ़ती सतर्कता और रणनीतिक तैयारियां यह संकेत देती हैं कि दोनों पक्ष मौजूदा हालात को लेकर अत्यधिक सचेत हैं और किसी भी अप्रत्याशित घटनाक्रम के लिए तैयार रहना चाहते हैं.

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