पहलगाम हमले के बाद एक्शन में आई भारतीय वायु सेना, SU-30 और राफेल के साथ किया 'आक्रमण' युद्धाभ्यास

    भारतीय वायु सेना राफेल लड़ाकू विमान के नेतृत्व में अपने मुख्यधारा के लड़ाकू विमान बेड़े को शामिल करते हुए मध्य क्षेत्र में एक बड़े क्षेत्र में आक्रमण अभ्यास कर रही है.

    Indian Air Force came into action after Pahalgam attack conducted Aakraman maneuvers with SU-30 and Rafale
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना राफेल लड़ाकू विमान के नेतृत्व में अपने मुख्यधारा के लड़ाकू विमान बेड़े को शामिल करते हुए मध्य क्षेत्र में एक बड़े क्षेत्र में आक्रमण अभ्यास कर रही है.

    भारतीय वायु सेना राफेल विमान के दो स्क्वाड्रन संचालित करती है जो पश्चिम बंगाल के अंबाला और हाशिमारा में स्थित हैं.

    जमीनी हमले मिशनों का अभ्यास

    रक्षा सूत्रों ने एएनआई को बताया, "अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी वाले लड़ाकू विमान जमीनी हमले और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध अभ्यास से जुड़े जटिल मिशनों को अंजाम दे रहे हैं."

    उन्होंने कहा, "भारतीय वायुसेना की परिसंपत्तियों को पूर्वी हिस्से सहित अनेक एयरबेसों से हटा लिया गया है."

    सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायु सेना मैदानी और पहाड़ी क्षेत्रों सहित विभिन्न इलाकों में परिचालन के लिए जटिल जमीनी हमले मिशनों का अभ्यास कर रही है.

    भारतीय वायु सेना बढ़त बनाए हुए है

    भारतीय वायु सेना भी मेटियोर हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और रैम्पेज तथा रॉक्स जैसी लंबी दूरी की उच्च गति वाली कम खिंचाव वाली मिसाइलों को शामिल करके दक्षिण एशियाई क्षेत्र में अपने प्रतिद्वंद्वियों पर बढ़त बनाए हुए है.

    यह अभ्यास ऐसे समय में हो रहा है जब पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है.

    अभ्यास पर वायुसेना मुख्यालय द्वारा निगरानी

    इस अभ्यास पर वायुसेना मुख्यालय द्वारा कड़ी निगरानी रखी जा रही है. भारतीय वायुसेना के शीर्ष पायलट उच्च योग्यता प्राप्त प्रशिक्षकों की निगरानी में इस अभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं.

    फरवरी 2019 में पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के अंदर हमले करने के लिए भारतीय वायु सेना का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था. तब से भारतीय वायु सेना ने राफेल लड़ाकू विमान हासिल कर लिए हैं और उन्होंने इस क्षेत्र में अपनी बढ़त फिर से हासिल कर ली है.

    भारतीय वायु सेना ने 2019 में मिराज 2000 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया था, लेकिन एस-400 वायु रक्षा प्रणाली जैसे कई बल गुणकों का उपयोग किया है, जो विरोधियों के हवाई पूर्व चेतावनी और नियंत्रण विमानों के खिलाफ बहुत प्रभावी हो सकते हैं. 

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