नई दिल्लीः आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं और भारत की तीखी प्रतिक्रिया की संभावनाओं के बीच, पाकिस्तान एक बार फिर अपने पुराने हथकंडों पर उतर आया है—झूठ बोलना और प्रोपेगेंडा फैलाना. 29-30 अप्रैल की रात को कश्मीर के पास नियंत्रण रेखा पर कथित तौर पर भारतीय वायुसेना के राफेल विमानों को “जाम” किए जाने का पाकिस्तान का दावा, अब सोशल मीडिया और रक्षा विशेषज्ञों के लिए मज़ाक का विषय बन गया है.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दावा किया कि पाकिस्तानी वायुसेना ने भारतीय राफेल जेट्स को इलेक्ट्रॉनिकली बाधित किया, जिससे वे श्रीनगर में आपातकालीन लैंडिंग करने पर मजबूर हुए. इस कथित कार्रवाई के पीछे उन्होंने पाकिस्तानी J-10CE फाइटर जेट्स और उनमें लगे चीनी-निर्मित KG600 जैमिंग पॉड को जिम्मेदार बताया, लेकिन जो लोग इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर तकनीक की थोड़ी सी भी समझ रखते हैं, वे जानते हैं कि यह दावा तकनीकी रूप से कितना खोखला और असंभव है.
राफेल बनाम J-10CE: तकनीकी तुलना
राफेल लड़ाकू विमान फ्रांस में बना अत्याधुनिक फोर्थ-जेनरेशन मल्टीरोल फाइटर जेट है, जो SPECTRA (Self-Protection Equipment to Counter Threats for Rafale Aircraft) जैसे शक्तिशाली इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम से लैस होता है. यह सिस्टम रडार, लेजर और मिसाइल खतरों की तुरंत पहचान कर उन्हें निष्क्रिय करने की क्षमता रखता है. इसमें थेल्स का RBE2 AESA रडार, रेडियो फ्रीक्वेंसी जैमिंग, लेजर वार्निंग और इन्फ्रारेड काउंटरमेजर शामिल हैं—जो मिलकर इसे युद्ध के मैदान में बेजोड़ बनाते हैं.
दूसरी ओर, पाकिस्तान का J-10CE विमान चीन में बना फाइटर जेट है, जिसमें KG600 जैमिंग पॉड लगाया गया है. यह पॉड DRFM (Digital Radio Frequency Memory) तकनीक पर आधारित है और सीमित फ्रीक्वेंसी एगिलिटी के कारण केवल पुराने या कम विकसित रडार सिस्टम को ही भ्रमित कर सकता है. इसका पावर आउटपुट और प्रतिक्रिया समय, राफेल के मुकाबले बेहद कमजोर है. इसके अलावा, J-10CE का एवियोनिक्स सिस्टम KG600 पॉड के साथ पूरी तरह से एकीकृत नहीं है, जिससे इसकी प्रभावशीलता युद्ध के वास्तविक हालात में और भी संदिग्ध हो जाती है.
दावे की सच्चाई क्या है?
जब इस दावे की जांच तकनीकी नजरिए से की जाती है, तो यह साफ हो जाता है कि पाकिस्तानी मंत्री और पत्रकारों का यह प्रचार महज एक सस्ता प्रोपेगेंडा है, जो बिना किसी तकनीकी आधार के फैलाया गया है. राफेल जैसे उन्नत लड़ाकू विमान को "जाम" कर पाना J-10CE के बस की बात नहीं है, और ये दावा अंतरराष्ट्रीय रक्षा विशेषज्ञों की नजरों में हास्यास्पद है.
रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट (RUSI) के रक्षा विशेषज्ञ जस्टिन ब्रोंक के अनुसार, राफेल का SPECTRA सिस्टम न केवल जैमिंग का विरोध कर सकता है, बल्कि यह आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक खतरों को पहले ही निष्क्रिय करने की क्षमता रखता है. उन्होंने साफ कहा कि J-10CE और KG600 पॉड जैसी तकनीकें राफेल की तुलना में काफी पीछे हैं और इनसे ऐसी कोई उम्मीद करना वास्तविकता से परे है.
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