'इस बार तो कुछ खास नहीं हुआ, लेकिन...' पाकिस्तानी सेना को सता रहा हमले का डर, मांग रहे शांति की भीख

    भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान की सैन्य प्रतिष्ठान में भूचाल ला दिया है. हालात यह हैं कि पाकिस्तान के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के प्रमुख जनरल साहिर शमशाद मिर्जा अब खुद भारत की किसी भी संभावित कार्रवाई को लेकर घबराए हुए हैं.

    Pakistani army is afraid of attack begging for peace
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    इस्लामाबाद: भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान की सैन्य प्रतिष्ठान में भूचाल ला दिया है. हालात यह हैं कि पाकिस्तान के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के प्रमुख जनरल साहिर शमशाद मिर्जा अब खुद भारत की किसी भी संभावित कार्रवाई को लेकर घबराए हुए हैं. उनका कहना है कि भारत फिर हमला कर सकता है और इस बार असर पूरे पाकिस्तान में महसूस किया जा सकता है.

    इस बार नहीं हुआ, अगली बार बड़ा हो सकता है

    एक पाकिस्तानी चैनल से बातचीत में जनरल मिर्जा ने माना कि भारत की कार्रवाई को हल्के में नहीं लिया जा सकता. उन्होंने कहा, "इस बार तो सिर्फ कुछ सीमित सैन्य कार्रवाई हुई है, लेकिन अगली बार हालात हाथ से निकल सकते हैं. भारत की रणनीतिक चूक भी खतरनाक साबित हो सकती है."

    उन्होंने यह भी जोड़ा कि पाकिस्तान बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन हालात बेहद तनावपूर्ण हैं. दोनों देशों के बीच अब तक केवल सीमित स्तर पर हॉटलाइन के जरिए संवाद हो रहा है.

    संघर्ष अब केवल POK तक सीमित नहीं

    जनरल मिर्जा ने जिस सबसे गंभीर चेतावनी की ओर इशारा किया, वो यह थी कि, "अब संघर्ष सिर्फ POK या सीमाई इलाकों तक सीमित नहीं रहा. अब दोनों देश एक-दूसरे के अंदरूनी सैन्य ठिकानों को निशाना बना रहे हैं. यह एक खतरनाक ट्रेंड है."

    उनका यह बयान भारतीय सेना के उस साहसिक अभियान के बाद आया है, जिसमें भारत ने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए पाकिस्तान के भीतर जाकर कार्रवाई की थी.

    जनरल मिर्जा को सता रहा 'विस्तार का डर'

    जनरल मिर्जा ने माना कि भारत-पाक के बीच संचार की कमी एक और बड़ा खतरा है. उन्होंने कहा, "केवल सेना के बीच संवाद हो रहा है, लेकिन राजनयिक और राजनीतिक स्तर पर कोई बातचीत नहीं हो रही."

    यह बयान इस बात की तरफ इशारा करता है कि पाकिस्तान की सेना भी अब भारत की ‘न्यूनतम प्रतिक्रिया नीति’ से घबराई हुई है.

    मोदी सरकार के सख्त रुख से डरा पाकिस्तान

    हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा था कि भारत आतंक के खिलाफ सीमापार जाकर कार्रवाई करेगा. इसके जवाब में पाकिस्तान के रक्षा और सैन्य विशेषज्ञों के सुर बदल गए हैं.

    भारत के विदेश मंत्रालय ने दो टूक कहा, "आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते." यानी अब भारत की नीति स्पष्ट है- पहले आतंक रोको, फिर बात करो.

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