आर्मी रॉकेट फोर्स तैयार करेगा पाकिस्तान, शहबाज शरीफ ने किया ऐलान, फिर उठाया कश्मीर और गाजा का मुद्दा

    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर एक बड़ा सैन्य ऐलान किया है, जो न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा समीकरणों को प्रभावित कर सकता है, बल्कि भारत-पाक संबंधों में एक नई चुनौती भी उत्पन्न कर सकता है.

    Pakistan will prepare Army Rocket Force Shahbaz Sharif announced
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ Sociel Media

    इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर एक बड़ा सैन्य ऐलान किया है, जो न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा समीकरणों को प्रभावित कर सकता है, बल्कि भारत-पाक संबंधों में एक नई चुनौती भी उत्पन्न कर सकता है. शरीफ ने घोषणा की कि पाकिस्तान अब चीन की तर्ज पर 'आर्मी रॉकेट फोर्स' बनाएगा, जो आधुनिक युद्ध प्रणाली, मिसाइल और रॉकेट तकनीक को मिलाकर तैयार की जाएगी.

    शहबाज शरीफ ने कहा कि यह नई सैन्य शाखा दुश्मनों को तुरंत और मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम होगी. उनका सीधा इशारा भारत की ओर था, जिसे उन्होंने सहमति की भाषा नहीं समझने वाला पड़ोसी बताया. शरीफ का यह बयान हाल ही में भारत-पाक के बीच बढ़ते तनाव और "ऑपरेशन सिंदूर" के बाद आया है, जिसके जरिए उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान ने भारत को करारा जवाब दिया है.

    चीन की तर्ज पर पाकिस्तान की रॉकेट फोर्स

    शरीफ के मुताबिक, पाकिस्तान की यह नई रॉकेट फोर्स आधुनिक युद्ध की जरूरतों को देखते हुए तैयार की जाएगी, जिसमें मिसाइल और रॉकेट सिस्टम को एकीकृत किया जाएगा. इस फोर्स का मकसद होगा, "दुश्मन की किसी भी आक्रामकता का तत्काल और निर्णायक उत्तर देना."

    शरीफ ने साफ किया कि सरकार सैन्य ताकत को बढ़ाने के लिए तमाम जरूरी संसाधनों को मुहैया कराएगी, चाहे वह तकनीक, आधुनिक हथियार या प्रशिक्षण ही क्यों न हों. उन्होंने इस योजना को पाकिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम बताया.

    शरीफ ने भारत को फिर से दी चेतावनी

    शरीफ ने अपने भाषण में यह दावा भी किया कि हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए चार दिन के सैन्य संघर्ष में, जिसे शरीफ ने 'ऑपरेशन सिंदूर' करार दिया, पाकिस्तान ने भारत को करारा सबक सिखाया.

    उनके मुताबिक, इस ऑपरेशन की गूंज भारत की आने वाली पीढ़ियां भी याद रखेंगी. उन्होंने कहा, "हमारी बहादुर सेना ने न सिर्फ भारत के घमंड को तोड़ा, बल्कि उसे घुटनों के बल आने पर मजबूर कर दिया."

    हालांकि भारत की ओर से इस कथित ऑपरेशन पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन शरीफ का यह भाषण एक राजनीतिक स्टंट के तौर पर देखा जा रहा है, जिसे उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय एकता और सैन्य ताकत को दर्शाने के लिए चुना.

    गाजा और कश्मीर का मुद्दा फिर से उछाला

    अपने भाषण में शहबाज शरीफ ने गाजा और कश्मीर के मुद्दों को भी उठाया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपने कश्मीरी और फिलिस्तीनी भाइयों के साथ हमेशा खड़ा रहेगा, जब तक उन्हें उनका हक नहीं मिल जाता. शरीफ ने गाजा की गलियों को "खून से भीगा हुआ मैदान" बताया और कश्मीर को "आजादी के लिए संघर्षरत घाटी" कहा.

    इस बयान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की पुरानी विदेश नीति की एक और कोशिश के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें वो इन दोनों मुद्दों पर सहानुभूति बटोरने की कोशिश करता है.

    चीन, तुर्की और सऊदी को जताया आभार

    शरीफ ने अपने भाषण में चीन, सऊदी अरब, तुर्किये, अजरबैजान, यूएई और ईरान जैसे देशों को विशेष रूप से धन्यवाद कहा. उन्होंने बताया कि इन देशों ने भारत के साथ हालिया संघर्ष के दौरान पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया.

    ये बात अपने आप में यह संकेत देती है कि पाकिस्तान कूटनीतिक मोर्चे पर भी भारत के खिलाफ एक नई गोलबंदी की कोशिश कर रहा है.

    आंतरिक मामलों पर भी बोले शरीफ

    शरीफ ने आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान के संघर्ष का भी उल्लेख किया. उन्होंने बताया कि अब तक इस लड़ाई में पाकिस्तान को करीब 90,000 लोगों की जान और 150 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है.

    उन्होंने दावा किया कि उनके कार्यकाल में महंगाई 34% से घटकर 5% और ब्याज दर 21% से घटकर 11% आ गई है. यह दावा भले ही एक आर्थिक उपलब्धि की तरह पेश किया गया हो, लेकिन विपक्ष इसे केवल आँकड़ों की बाज़ीगरी मान रहा है.

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