'अपनी जुबान पर कंट्रोल रखें, नहीं तो...' पाकिस्तानी नेताओं की धमकियों पर भारत ने दिया करारा जवाब

    भारत ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए दो टूक शब्दों में कहा है कि उकसावे और धमकी की राजनीति अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

    India gave a befitting reply to the threats of Pakistani leaders
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ ANI

    नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए दो टूक शब्दों में कहा है कि उकसावे और धमकी की राजनीति अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी. बीते 48 घंटों में पाकिस्तान के तीन शीर्ष नेताओं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो द्वारा दिए गए भड़काऊ बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने कहा है कि ऐसे बयान गैर-जिम्मेदाराना, युद्ध भड़काने वाले और नफरत फैलाने वाले हैं.

    भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को साफ शब्दों में चेताया है कि अगर उसने कोई गैर-जिम्मेदार कदम उठाया, तो उसका अंजाम बहुत बुरा होगा. मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को मीडिया ब्रीफिंग में पाकिस्तान को शब्दों की मर्यादा में रहने की सलाह दी और कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना बखूबी जानता है.

    भारत की प्रतिक्रिया: संयम की जगह स्पष्टता

    भारत ने इस पूरे घटनाक्रम को पूरी गंभीरता से लेते हुए कहा है कि पाकिस्तान को समझना चाहिए कि कूटनीति और क्षेत्रीय स्थिरता के नाम पर दिए गए ऐसे बयान खतरनाक नतीजों को जन्म दे सकते हैं.

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "पाकिस्तानी नेता भारत के खिलाफ जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह गैर-जिम्मेदाराना है. ये वही लोग हैं जो अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए बार-बार भारत के खिलाफ झूठ और नफरत फैलाने वाले बयानों का सहारा लेते हैं. उन्हें समझना चाहिए कि जुबान पर काबू रखना चाहिए, क्योंकि अगर उन्होंने कोई गलत कदम उठाया तो उसका अंजाम बहुत बुरा हो सकता है."

    भारत ने इस बात पर जोर दिया कि वह किसी भी हाल में अपने क्षेत्रीय हितों और सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा. यह चेतावनी उस पड़ोसी देश के लिए है जो अक्सर अपनी आंतरिक अस्थिरता को भारत विरोधी रुख में बदलकर अंतरराष्ट्रीय सहानुभूति बटोरने की कोशिश करता है.

    पाकिस्तान की बयानबाज़ी: हताशा की राजनीति?

    बीते कुछ दिनों में पाकिस्तानी नेताओं द्वारा दिए गए बयान इस ओर इशारा करते हैं कि वहां की सरकार और सैन्य नेतृत्व अंदरूनी विफलताओं और दबावों से जूझ रहा है.

    पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के खिलाफ तीखे शब्दों में चेतावनी दी थी कि यदि भारत ने सिंधु जल समझौते को लेकर कोई ‘एकतरफा’ निर्णय लिया, तो पाकिस्तान उसे चुपचाप सहन नहीं करेगा.

    वहीं, जनरल आसिम मुनीर, जो पाकिस्तान की सेना के मुखिया हैं, ने अपने एक बयान में यह तक कह दिया कि "अगर भारत ने आक्रामक रुख अपनाया, तो पाकिस्तान उसके जवाब में पीछे नहीं हटेगा."

    इन सबके बीच पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भी एक बार फिर भारत पर "आक्रामकता फैलाने" का आरोप लगाते हुए कहा कि पाकिस्तान "हर मोर्चे पर भारत का मुकाबला करेगा."

    इन बयानों को लेकर भारत का कहना है कि पाकिस्तान इन बचकाने और उकसावे वाले बयानों के जरिए अपने देश की जनता का ध्यान मूल समस्याओं से हटाने की कोशिश कर रहा है.

    सिंधु जल समझौता बना तनाव की वजह?

    इस बार विवाद की जड़ में है सिंधु जल संधि एक ऐसा समझौता जिसे भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में संपन्न किया गया था. भारत की ओर से पिछले कुछ समय से इस समझौते की पुनः समीक्षा की जरूरत की बात की जा रही है.

    भारत का तर्क है कि जब पाकिस्तान खुद ही इस समझौते के नियमों का बार-बार उल्लंघन करता रहा है और भारत के खिलाफ सांप्रदायिक और आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करता है, तो यह संधि अब एकतरफा दायित्व बन चुकी है.

    ऐसे में भारत इस समझौते को लेकर पुनर्विचार कर रहा है. पाकिस्तान, जो सिंधु और उसकी सहायक नदियों पर काफी निर्भर है, भारत के इस संभावित कदम से चिंतित और बौखलाया हुआ है. और शायद यही कारण है कि अब वहां के नेता खाली धमकियों पर उतर आए हैं.

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