मुनीर की उल्टी गिनती शुरु! बलूचों के बाद अब पठान करेंगे जीना हराम, इमरान खान की बड़ी प्लानिंग

    पाकिस्तान के भीतर एक बार फिर गहरे राजनीतिक और सामाजिक संकट की तस्वीर उभर कर सामने आई है. बलूचिस्तान में जारी हिंसा के बाद अब खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में भी पठानों ने मुनीर की सेना के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंक दिया है.

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    Image Source: ANI

    Asim Munir: पाकिस्तान के भीतर एक बार फिर गहरे राजनीतिक और सामाजिक संकट की तस्वीर उभर कर सामने आई है. बलूचिस्तान में जारी हिंसा के बाद अब खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में भी पठानों ने मुनीर की सेना के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंक दिया है. वजीरिस्तान में पठानों के खिलाफ लगातार हो रहे क्रूर हमलों और जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर हत्या की साजिश की खबरों ने देश की राजनीतिक स्थिरता को और अधिक डगमगा दिया है.

    इमरान खान ने हाल ही में एक पत्र के जरिए साफ तौर पर कहा है कि अगर उन्हें कुछ भी होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी सेना के प्रमुख असीम मुनीर पर होगी. उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) का आरोप है कि इमरान खान को आदियाला जेल की डैथ सेल में रखा गया है, जहां उन्हें और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है. यहां तक कि उनके सेल से बिजली की आपूर्ति भी काट दी गई है और उनसे किसी भी मुलाकात पर रोक लगा दी गई है.

    पठानों में गहरी नाराजगी और राजनीतिक उठापटक

    पाकिस्तान में पठानों की आबादी लगभग 18 प्रतिशत है, जो खासतौर पर अफगानिस्तान से सटी खैबर पख्तूनख्वा में केंद्रित है. यह क्षेत्र पीटीआई का मजबूत गढ़ माना जाता है. लेकिन वर्तमान में बढ़ती सरकार और सेना के बीच तनाव के बीच, यहां भी स्थिति तनावपूर्ण हो चली है. इमरान खान के दोनों बेटे हाल ही में लंदन से पाकिस्तान लौट कर इस बगावत में शामिल हो चुके हैं. 5 अगस्त को पूरे पाकिस्तान में इमरान खान के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन होने जा रहे हैं, जो आने वाले राजनीतिक तूफान की पहली झलक हो सकते हैं.

    बलूचिस्तान में हिंसा की भयावहता


    पाकिस्तान के बलूचिस्तान क्षेत्र में पहले से ही सशस्त्र संघर्ष जारी है. जनवरी से जून 2025 के बीच बलूच लड़ाकों ने 286 हमले किए, जिनमें 780 से अधिक लोग मारे गए. हाल ही में बलूचों द्वारा प्रसिद्ध साबरी ब्रदर्स के तीन कव्वालों की हत्या ने पूरे देश में सियासी हलचल बढ़ा दी है. क्वेटा और आसपास के इलाकों में धारा 144 लागू है और स्थिति काबू से बाहर होती दिख रही है.

    अस्थिरता की बढ़ती छाया

    पाकिस्तान की इस जटिल राजनीतिक और सामाजिक तस्वीर में पठानों की विद्रोह, इमरान खान के खिलाफ साजिशें और बलूचिस्तान में हिंसा तीनों मिल कर देश के लिए गंभीर चुनौती बन चुकी हैं. सवाल यह है कि क्या पाक सरकार इन अंदरूनी संकटों का समाधान निकाल पाएगी, या फिर देश को एक लंबी अस्थिरता की तैयारी करनी होगी.

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