पड़ोसी को प्यास लगी! एक बार फिर भारत के आगे मिमिया रहा पाकिस्तान, सिंधु जलसंधि को बहाल करने की कर रहा मांग

    भारत-पाकिस्तान के बीच दशकों पुरानी सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) एक बार फिर विवाद का कारण बन गई है. पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने भारत पर इस संधि के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए सख्त टिप्पणी की है.

    Pakistan Sindhu indus water resume demanded by pakistan
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    भारत-पाकिस्तान के बीच दशकों पुरानी सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) एक बार फिर विवाद का कारण बन गई है. पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने भारत पर इस संधि के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए सख्त टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद अपने जल अधिकारों को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा और अगर जरूरत पड़ी तो सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे.

    भारत पर ‘पानी को हथियार’ बनाने का आरोप

    इस्लामाबाद में सोमवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान इशाक डार ने आरोप लगाया कि भारत सिंधु नदी के जल को पाकिस्तान के खिलाफ एक रणनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है. उन्होंने कहा, "भारत ने एकतरफा रूप से सिंधु जल संधि को निलंबित किया है, जो अंतरराष्ट्रीय कानून का खुला उल्लंघन है. पाकिस्तान इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करेगा."

    ‘भारत को पीछे हटना चाहिए’ 

    इशाक डार ने यह भी कहा कि भारत के इस कदम से क्षेत्र में जल संकट और राजनीतिक तनाव दोनों बढ़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि स्थायी मध्यस्थता न्यायालय (Permanent Court of Arbitration) ने भी पाकिस्तान के पक्ष को उचित ठहराया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान का रुख सही है. उन्होंने भारत से अपील की कि वह "संधि निलंबन का फैसला तुरंत वापस ले" और पाकिस्तान को उसका "वाजिब हक" दे.

    बातचीत की कोशिशों के बीच तल्खी

    पाकिस्तान के इस तीखे बयान ने हैरानी इसलिए भी पैदा की है क्योंकि हाल ही में पाकिस्तान की ओर से भारत के साथ राजनयिक बातचीत बहाल करने के संकेत दिए गए थे. ऐसे में डार का यह सख्त लहजा उन कोशिशों पर पानी फेर सकता है. यह भी गौर करने योग्य है कि IWT एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है, जिसे 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में दोनों देशों ने स्वीकार किया था, और इसे एकतरफा समाप्त नहीं किया जा सकता.

    सिंधु जल संधि क्या है?

    सिंधु जल संधि के तहत भारत को तीन पूर्वी नदियों रावी, ब्यास और सतलज का अधिकार मिला है, जबकि पाकिस्तान को तीन पश्चिमी नदियों सिंधु, झेलम और चेनाब से पानी का उपयोग करने की अनुमति दी गई है. यह समझौता पिछले छह दशकों से लागू है, लेकिन हाल के वर्षों में भारत की ओर से जल प्रबंधन परियोजनाओं पर पाकिस्तान ने कई बार आपत्ति जताई है.
     

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