भारत के खिलाफ हालिया सैन्य संघर्ष में पाकिस्तान ने एक बार फिर अपने पुराने हथियार झूठ और प्रोपेगेंडा का इस्तेमाल किया. लेकिन इस बार उसे करारा जवाब न केवल भारत की ओर से मिला, बल्कि अंतरराष्ट्रीय जियो-इंटेलिजेंस विशेषज्ञों ने भी उसके दावों को सिरे से खारिज कर दिया.
फर्जी तस्वीरों से 'ऐतिहासिक जीत' का झूठा दावा
पाकिस्तान ने हाल ही में यह दावा किया कि उसकी वायुसेना ने भारत के आदमपुर एयरबेस को "तबाह" कर दिया. उसने S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम के नष्ट होने का भी दावा किया और इसके समर्थन में कुछ सैटेलाइट तस्वीरें जारी कीं. इन तस्वीरों में एयरबेस पर धुआं, मलबा और आग के दृश्य दिखाए गए. लेकिन जैसे ही ये तस्वीरें अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर में आईं, उनकी सच्चाई खुलकर सामने आ गई.
Another image circulating now claims to show damage at India's Adampur Airbase due to Pakistan's airstrike, however once reviewed against recent images this too has been doctored & manipulated pic.twitter.com/XaapvE5KbS
— Damien Symon (@detresfa_) May 12, 2025
विशेषज्ञों ने खोल दी पोल
इंटरनेशनल जियो-इंटेलिजेंस विशेषज्ञ डेमियन साइमोन ने इन तस्वीरों की डिजिटल फोरेंसिक जांच के बाद साफ तौर पर कहा कि इनमें कृत्रिम बदलाव किए गए हैं. उन्होंने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा “पाकिस्तान की तस्वीरें आदमपुर एयरबेस पर कथित हमले को दर्शाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन मौजूदा सैटेलाइट इमेज से तुलना करने पर स्पष्ट है कि यह पूरी तरह फोटोशॉप का खेल है.” डेमियन के मुताबिक, पाकिस्तान ने पुरानी तस्वीरों में कृत्रिम रूप से धुआं और विनाश जोड़ दिया — जो तकनीकी विश्लेषण में पकड़ में आ गया.
पहले भी झूठ में पकड़ा गया था पाकिस्तान
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने छल और भ्रम से युद्ध में ‘विजय’ दिखाने की कोशिश की हो. बीते रविवार को भी उसने ऐसी ही मरम्मताधीन साइट्स की तस्वीरें पेश कर दावा किया कि भारत के एयरबेस पर हमला हुआ है. लेकिन उस वक्त भी अंतरराष्ट्रीय रक्षा विश्लेषकों और भारतीय सैटेलाइट डेटा ने उसे झूठा साबित कर दिया.
भारत के ऑपरेशन ने पाकिस्तान को झकझोरा
7 से 10 मई के बीच चले भारतीय जवाबी हमलों में पाकिस्तान के कई रणनीतिक ठिकाने नष्ट हुए, जिनमें नूर खान एयरबेस जैसे महत्वपूर्ण सैन्य केंद्र शामिल हैं. यह एयरबेस पाकिस्तान के परमाणु शस्त्र प्रणालियों से भी जुड़ा हुआ माना जाता है. भारत की ओर से जारी सैटेलाइट इमेजरी में इन ठिकानों को पहुंचाए गए नुकसान का स्पष्ट प्रमाण है.
तकनीक के युग में झूठ ज्यादा नहीं टिकते
पाकिस्तान की यह डिजिटल चालबाज़ी और झूठा प्रचार अभियान उसकी राजनयिक असहजता और सैन्य पराजय की प्रतिक्रिया मानी जा रही है. लेकिन आज के डिजिटल सत्यापन के दौर में झूठ को छिपाना आसान नहीं — और पाकिस्तान एक बार फिर विश्व समुदाय के सामने बेनकाब हो गया है.
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