पाकिस्तान की जल संकट में फंसी राजनीति फिर से सुर्खियों में है. देश के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की धमकियों के बीच इस्लामाबाद ने भारत से सिंधु जल संधि को बहाल करने की अपील की है. पाकिस्तान का कहना है कि वह मध्यस्थता न्यायालय (Court of Arbitration) के फैसले का स्वागत करता है, जिसमें भारत को पश्चिमी नदियों का पानी पाकिस्तान तक बिना रुकावट पहुँचाने का निर्देश दिया गया है. हालांकि भारत ने इस स्थायी मध्यस्थता कोर्ट को कभी भी मान्यता नहीं दी और इसकी कार्यवाही को खारिज कर दिया था.
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "हम भारत से अपील करते हैं कि वह सिंधु जल संधि के सामान्य कामकाज को तुरंत बहाल करे और अपने दायित्वों को पूरी ईमानदारी से पूरा करे. हम 8 अगस्त 2025 को जारी मध्यस्थता कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं." इस फैसले में भारत द्वारा पश्चिमी नदियों चिनाब, झेलम और सिंधु पर बनाए जाने वाले नए रन-ऑफ-द-रिवर हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के डिजाइन मानकों को स्पष्ट किया गया है. कोर्ट ने निर्देश दिया कि भारत को नदियों का पानी बिना किसी रोक-टोक के पाकिस्तान तक पहुँचाना चाहिए और हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के मामलों में संधि के नियमों का कड़ाई से पालन करना चाहिए.
धमका रहा पाकिस्तान
इस बीच, पाकिस्तान की धमकीभरी राजनीति भी जारी है. पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने सोमवार को कहा कि अगर भारत संधि को स्थगित रखता है और नए बांध बनाता है तो पाकिस्तान युद्ध के लिए बाध्य होगा. उन्होंने अपने भाषण में मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने और पाकिस्तानी जनता की मदद लेने की बात कही.वहीं, अमेरिकी दौरे पर गए पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर ने भी भारत को परमाणु हथियारों की धमकी दी. उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान को भारत से अस्तित्व का खतरा हुआ तो वह आधी दुनिया को अपने साथ ले डूबेगा.
धमकी देना पुरानी आदत है
भारतीय विदेश मंत्रालय ने मुनीर के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "परमाणु हथियारों की धमकी देना पाकिस्तान की पुरानी आदत रही है. ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयान अंतरराष्ट्रीय समुदाय में पाकिस्तान के परमाणु कमांड और नियंत्रण की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हैं.
यह खेदजनक है कि ये टिप्पणियां मित्र देश अमेरिका की धरती से की गईं. भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वह परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाता रहेगा. पानी के लिए पाकिस्तान का भारत के सामने यह कदम और धमकियों का खेल साफ दर्शाता है कि सिंधु जल संधि और पश्चिमी नदियों के पानी पर तनाव अभी कम होने वाला नहीं है.
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