न बमबारी न गोलीबारी, फिर भी हिल गया तुर्की, हर घंटे लग रहे हैं कुदरती झटके

    तुर्की में दो साल के अंतराल के बाद एक बार फिर भूकंप के झटके ने लोगों की नींद उड़ा दी है. देश के विभिन्न हिस्सों में लगातार भूकंप की हलचल महसूस की जा रही है. स्थानीय अधिकारियों की जानकारी के अनुसार, पिछले 48 घंटों में तुर्की में कुल 879 छोटे-बड़े भूकंप के झटके दर्ज किए गए हैं.

    Turkey 18 earthquakes felt in every hour
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    तुर्की में दो साल के अंतराल के बाद एक बार फिर भूकंप के झटके ने लोगों की नींद उड़ा दी है. देश के विभिन्न हिस्सों में लगातार भूकंप की हलचल महसूस की जा रही है. स्थानीय अधिकारियों की जानकारी के अनुसार, पिछले 48 घंटों में तुर्की में कुल 879 छोटे-बड़े भूकंप के झटके दर्ज किए गए हैं. इसका मतलब है कि हर घंटे औसतन 18 झटके महसूस किए गए. बालिकेसिर प्रांत में रविवार, 10 अगस्त को पहला भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 6.6 मापी गई थी. इसके बाद लगातार झटके आते रहे और अब तक 879 झटकों की संख्या पहुंच गई है.

    विशेषज्ञों के अनुसार इन झटकों में 3 से 4 तीव्रता वाले करीब 120 झटके और 4 से 5 तीव्रता वाले 17 झटके शामिल हैं. भूकंप का केंद्र धरती की सतह से लगभग 11 किलोमीटर नीचे है. अधिकांश झटके 3 तीव्रता से कम दर्ज किए गए हैं, जिससे बड़े पैमाने पर नुकसान नहीं हुआ.

    सावधानी बरतने की दी गई सलाह 

    तुर्की के गृह मंत्रालय ने नागरिकों से भूकंप से डरने की बजाय सावधानी बरतने की सलाह दी है. सरकार ने अब तक केवल एक व्यक्ति के हताहत होने की पुष्टि की है. हालांकि, भूकंप के कारण 68 गांवों में 16 इमारतें ध्वस्त हो गई हैं, जिनमें दोषी ठेकेदार को गिरफ्तार किया गया है.

    क्यों बार-बार महसूस हो रहे भूकंप के झटके? 

    भूकंप के बार-बार आने की मुख्य वजह तुर्की की भौगोलिक स्थिति है. यह देश अनातोलियन प्लेट, यूरोशियन प्लेट और अरेबियन प्लेट के संगम पर स्थित है. इन तीनों प्लेटों में किसी भी तरह के घर्षण से भूकंप के झटके महसूस होते हैं. वर्तमान में तुर्की में दो सक्रिय फॉल्ट लाइन हैं. नॉर्थ अनातोलियन फॉल्ट और ईस्ट अनातोलियन फॉल्ट, जो बार-बार भूकंप के कारण बनती हैं.

    1939 में आया था बड़ा भूकंप 

    इतिहास देखें तो तुर्की में 1939 में एक बड़ा भूकंप आया था, जिसमें आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 33 हजार लोग मारे गए थे. उसके बाद 85 साल में देश में कुल 13 बड़े भूकंप आए और लगभग 1.20 लाख लोगों की मौत हुई. 2023 में आए भूकंप में सबसे अधिक 50 हजार लोगों की जान गई थी. इसके बाद तुर्की सरकार ने भवन निर्माण मानकों को कड़ा करने और भूकंप-प्रतिरोधी संरचनाओं पर विशेष ध्यान देने का काम शुरू किया. इस बार के झटके虽 ज्यादा नहीं जानलेवा साबित हुए हैं, लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि तुर्की जैसे भूकंप-प्रवण इलाके में सतर्कता और पूर्व तैयारी ही जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती है.

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