पाकिस्तान से अमेरिका ने मिलाया हाथ? मार्को रुबियो ने इशाक डार से मुलाकात कर बोला- Thanks

    Operation Sindoor: अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते समय-समय पर उतार-चढ़ाव से गुजरते रहे हैं, लेकिन शुक्रवार (25 जुलाई, 2025) को वाशिंगटन में एक अहम बैठक हुई, जिसमें दोनों देशों के विदेश मंत्री अमेरिका के मार्को रुबियो और पाकिस्तान के इशाक डार – ने आपसी संबंधों को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण बातचीत की.

    Pakistan Operation Sindoor America Home Minister meeting marco rubio thanks to ishaq dar
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    Operation Sindoor: अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते समय-समय पर उतार-चढ़ाव से गुजरते रहे हैं, लेकिन शुक्रवार (25 जुलाई, 2025) को वाशिंगटन में एक अहम बैठक हुई, जिसमें दोनों देशों के विदेश मंत्री – अमेरिका के मार्को रुबियो और पाकिस्तान के इशाक डार – ने आपसी संबंधों को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण बातचीत की. इस बैठक में दोनों नेताओं ने आतंकवाद, क्षेत्रीय स्थिरता और व्यापारिक साझेदारी पर विस्तार से चर्चा की, वहीं पाकिस्तान के खिलाफ आरोपों पर भी खुलकर बात हुई.

    यह बैठक खास तौर से अहम थी क्योंकि अमेरिका ने हाल ही में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) को विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) और वैश्विक आतंकवादी संगठन (SDGT) घोषित किया था. TRF, जिसे लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन माना जाता है, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ले चुका है, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी. इस संदर्भ में अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इशाक डार से मुलाकात के दौरान आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की साझेदारी की सराहना की, लेकिन साथ ही इस खतरे से निपटने के लिए और ठोस कदम उठाने की उम्मीद भी जताई.

    भारत-पाक रिश्तों पर हुई चर्चा

    बैठक में भारत-पाकिस्तान संबंधों का मुद्दा भी प्रमुख रूप से उठाया गया. पाकिस्तान ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि इशाक डार की अमेरिका यात्रा के दौरान भारत-पाक मुद्दे पर विचार विमर्श होगा. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने कहा था कि इस मुद्दे पर विचारों का आदान-प्रदान होगा, खासकर संघर्ष विराम (सीजफायर) पर. अमेरिका ने लंबे समय से भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर में मध्यस्थता का दावा किया है, जिसे भारत ने कई बार नकारा है, जबकि पाकिस्तान ने इसे स्वीकार किया है. शफकत अली खान ने इस बात पर भी जोर दिया कि पाकिस्तान अमेरिका के उस योगदान के लिए आभारी है, जिसके कारण भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम हुआ और संघर्ष विराम संभव हो सका. हालांकि, भारत की नजर में पाकिस्तान का आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप अब भी कायम है, और पाकिस्तान पर यह आरोप लगातार भारतीय अधिकारियों द्वारा लगाए जाते रहे हैं.

    पाकिस्तान पर आरोपों की गंभीरता

    भारत ने हमेशा पाकिस्तान पर यह आरोप लगाया है कि वह सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है, और पाकिस्तान की सरकार और सेना आतंकी संगठनों को वित्तीय मदद और सुरक्षित पनाहगाहें मुहैया कराती हैं. पाकिस्तान के खिलाफ यह आरोप, खासकर हालिया पहलगाम आतंकी हमले के बाद और भी तीव्र हो गया है. भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन सिंदूर चलाया था, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक संबोधन में कहा था, "भारत पर्यटन में विश्वास करता है, जबकि पाकिस्तान आतंकवाद को पर्यटन मानता है, जो दुनिया के लिए बेहद खतरनाक है."प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान सरकार और सेना के लिए आतंकवाद एक व्यावसायिक साधन बन चुका है, जिससे वे पैसे कमा रहे हैं. उन्होंने पाकिस्तान की जनता से अपील की कि वे आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाएं और इस खतरे का मुकाबला करें.

    बैठक के बाद के मुख्य बिंदु

    बैठक के बाद जारी बयान में, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार को आतंकवाद के खिलाफ उनकी साझेदारी और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए आभार व्यक्त किया. साथ ही, दोनों देशों ने व्यापार और खनिज क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की. हालांकि, यह बैठक सिर्फ द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करने के लिए नहीं थी, बल्कि इसमें क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के मुद्दों पर भी गहन विचार विमर्श हुआ.

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