इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने एक बार फिर अपने परमाणु हथियारों को लेकर स्थिति स्पष्ट की है. देश के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान का परमाणु बम केवल आत्मरक्षा के लिए है और इसका किसी भी तरह के ब्लैकमेल या दबाव के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से स्पष्ट शब्दों में कहा था कि भारत पाकिस्तान के न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग को सहन नहीं करेगा.
जियो न्यूज से बातचीत में ख्वाजा आसिफ ने कहा, "हम अपनी परमाणु संपत्तियों से किसी को धमकी नहीं देते. यह पूरी तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा की गारंटी है." उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा आत्मरक्षा में युद्ध लड़ा और जीत हासिल की, जबकि भारत के अंदर वर्तमान राजनीतिक हालात अलग चुनौती पेश कर रहे हैं.
भारत के विपक्षी नेताओं को बनाया मुद्दा
ख्वाजा आसिफ ने भारत के विपक्षी नेताओं के बयान को भी अपने तर्क में जोड़ा. उन्होंने कहा, "भारत में नागरिकों और विपक्षी नेताओं में असंतोष बढ़ रहा है, जो मानते हैं कि मोदी का रवैया क्षेत्रीय तनाव बढ़ा रहा है."
ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान तनाव
पाकिस्तान के इस बयान के पृष्ठभूमि में 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था. 6-7 मई की रात को भारत ने पीओके और पाकिस्तान में कम से कम 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया. भारत का दावा है कि इस हमले में पाकिस्तान के 100 से अधिक आतंकी मारे गए और इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारत पर हमला करने की कोशिश की, जिसे भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल से 11 एयरबेस पर जवाबी हमला कर विफल कर दिया.
पाकिस्तान ने लगाया भारत पर आतंकवाद का आरोप
ख्वाजा आसिफ ने भारत पर फिर से आरोप लगाते हुए कहा कि पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद बढ़ाने के पीछे भारत का हाथ है. उन्होंने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) और पाकिस्तान में सक्रिय तालिबान जैसे समूहों को भारत से जुड़े होने का दावा किया. उनका कहना था कि पाकिस्तान के पास इसके स्पष्ट सबूत हैं, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय मंचों पर साझा किया गया है.
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