पूरा नहीं था होमवर्क, UNSC बैठक में 3 ऐसे सवाल, शहबाज के मुंंह पर लटक गए ताले! खुल गई पाकिस्तानियों की पोल

    Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की संभावित प्रतिक्रिया से डरे पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर मदद की गुहार लगाई, लेकिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में उसे करारा झटका लगा.

    Pakistan Not answered UNSC These three question on pahalgam attack
    Image Source: ANI

    Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की संभावित प्रतिक्रिया से डरे पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर मदद की गुहार लगाई, लेकिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में उसे करारा झटका लगा. न केवल पाकिस्तान के आरोपों को गंभीरता से नहीं लिया गया, बल्कि उसे आतंकवाद और युद्ध की धमकी को लेकर फटकार भी सुननी पड़ी.

    पाकिस्तान को नहीं मिला यूएनएससी चैंबर, गेस्ट हॉल में हुई बैठक

    पाकिस्तान ने यूएनएससी का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी, लेकिन बैठक की हैसियत इतनी कमतर रही कि उसे सुरक्षा परिषद के चैंबर में भी जगह नहीं दी गई. बतौर अस्थायी सदस्य, पाकिस्तान को यह उम्मीद थी कि उसे औपचारिक मंच मिलेगा, मगर बातचीत महज एक गेस्ट हॉल में संपन्न हुई.

    भारत से ‘हमले के डर’ का हवाला देकर बुलाई थी बैठक

    पाकिस्तान ने यह बैठक भारत पर संभावित सैन्य कार्रवाई का डर जताते हुए बुलाई थी. उसका तर्क था कि भारत कभी भी हमला कर सकता है, इसलिए दुनिया को बीच में आकर हस्तक्षेप करना चाहिए. पाकिस्तान चाहता था कि भारत के खिलाफ कोई प्रस्ताव पारित हो, लेकिन नतीजा उसके लिए विपरीत रहा.

    बैठक में उल्टा घिरा पाकिस्तान, सदस्यों ने पूछे तीखे सवाल

    सूत्रों के अनुसार, बैठक के दौरान पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा किया गया और सदस्य देशों ने तीन अहम सवालों के जवाब मांगे, जिनका पाकिस्तान के पास कोई ठोस उत्तर नहीं था:

    • आतंकवादियों ने पहलगाम में धर्म पूछकर पर्यटकों की हत्या क्यों की?
    • क्या लश्कर-ए-तैयबा इस हमले में शामिल था? यदि हाँ, तो उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?
    • पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा परमाणु हमले की धमकी बार-बार क्यों दी जा रही है? इन सवालों से असहज होकर पाकिस्तान बैकफुट पर चला गया और अंततः बैठक बिना किसी निष्कर्ष के समाप्त करनी पड़ी.

    बेवजह की खुशी दिखा रहा पाकिस्तान

    बैठक में अंतरराष्ट्रीय फजीहत के बावजूद पाकिस्तान इसे अपनी ‘सफलता’ बता रहा है. उसके स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने बयान जारी करते हुए कहा, “हम टकराव नहीं चाहते, लेकिन अपने देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं.” उन्होंने सिंधु जल संधि के भारत द्वारा निलंबन का मुद्दा भी उठाया और उसे ‘पानी को हथियार बनाने की कोशिश’ करार दिया.
     

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