भारत अब न सिर्फ़ अपनी वायुसीमा की रक्षा करेगा, बल्कि आक्रामक रणनीति के तहत दुश्मनों की सरहद तक अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगा. पाकिस्तान और चीन की बढ़ती सैन्य साझेदारी के बीच भारत ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है—देश का पहला स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट, AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft), जो आने वाले वर्षों में दक्षिण एशिया की वायु ताकत का समीकरण ही बदल देगा.
क्या है AMCA की खासियत?
AMCA भारत का 5वीं पीढ़ी का फाइटर जेट है, जो पूरी तरह से रडार को चकमा देने में सक्षम होगा. यह एक दो इंजन वाला स्टील्थ फाइटर है जिसे ADA (एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी) विकसित कर रही है. हाल ही में भारत सरकार ने इस प्रोजेक्ट को औपचारिक मंजूरी दी है और इसे प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी से तेज़ी से तैयार करने की योजना है.
चीन-पाकिस्तान की साझेदारी पर करारा जवाब
पाकिस्तान को चीन से मिलने वाले J-10C या भविष्य में J-31 जैसे जेट्स भले ही तकनीकी बढ़त दिला सकें, लेकिन AMCA उन पर भारी पड़ेगा. इसकी रडार से बचने की क्षमता, अंदरूनी हथियार प्रणाली और सुपरक्रूज़ जैसी तकनीकें इसे एक असाधारण युद्धक विमान बनाती हैं. यह केवल सुरक्षा नहीं, बल्कि जवाबी हमले की भारत की नई सोच को दर्शाता है.
तकनीक और रणनीति का बेहतरीन संगम
2030 तक स्क्वाड्रन तैयार
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि AMCA का पहला प्रोटोटाइप 2026 तक उड़ान भर सकता है और 2030 तक इसका पहला स्क्वाड्रन भारतीय वायुसेना का हिस्सा होगा. भारत GE (अमेरिका), Safran (फ्रांस) और Rolls Royce (UK) जैसी वैश्विक कंपनियों से इंजन साझेदारी पर भी बात कर रहा है.
हवाई युद्ध के साथ-साथ रक्षा निर्यात में भी भारत का डंका
AMCA न केवल भारत की रक्षा जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि इसे रक्षा निर्यात में भी नई ऊंचाइयों तक ले जाने की क्षमता है. जैसे चीन JF-17 और J-10 जैसे जेट्स निर्यात कर रहा है, भारत भी अब तेजस और AMCA के ज़रिए दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ नए रक्षा सहयोग बना रहा है.
AMCA सिर्फ़ एक लड़ाकू विमान नहीं है, ये भारत की नई चेतावनी है.
अब जवाब हमारी शर्तों पर होगा. युद्ध सिर्फ़ सीमा पर नहीं, रणनीति और तकनीक में भी होगा. पाकिस्तान और चीन को यह समझ लेना चाहिए कि भारत अब केवल रिएक्ट नहीं करेगा, वो प्रीएम्प्ट करेगा—और वो भी आसमान से.
यह भी पढ़ें: बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के खिलाफ गहराता जनविरोध, जानिए क्यों उमड़ा जनसैलाब