इस्लामाबाद: अमेरिका द्वारा लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित किए जाने के बाद पाकिस्तान एक बार फिर अपनी पुरानी आदत पर उतर आया है. इस कदम से बौखलाए पाकिस्तान ने अमेरिका के फैसले पर नाराजगी जताते हुए भारत पर अनुचित लाभ उठाने का आरोप लगाया है और TRF से किसी भी तरह के संबंध से साफ इनकार किया है.
गौरतलब है कि TRF ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी. इस हमले के बाद भारत और अमेरिका के बीच आतंकवाद को लेकर सहयोग और भी मजबूत हुआ है.
पाकिस्तान बोला- हम आतंकवाद के खिलाफ हैं
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, "हम आतंकवाद के हर रूप की निंदा करते हैं. आतंकवाद के खिलाफ हमारी नीति जीरो टॉलरेंस की रही है." बयान में आगे कहा गया कि पाकिस्तान ने आतंकियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की है, जिनमें शरीफुल्लाह जैसे आतंकी की गिरफ्तारी भी शामिल है.
लेकिन इस बयान के जरिए पाकिस्तान ने TRF और लश्कर-ए-तैयबा के बीच किसी भी संबंध को सिरे से खारिज किया, साथ ही लश्कर को "निष्क्रिय संगठन" बताने की कोशिश की.
जिम्मेदारी लेने के बाद TRF ने दिया था यू-टर्न
TRF ने पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी पहले खुद ली थी, लेकिन भारत-पाक तनाव बढ़ने के बाद उसने अपना बयान बदल लिया. बावजूद इसके, अमेरिका ने इस संगठन को आतंकी करार देते हुए स्पष्ट किया कि यह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ समूह है और इसके खिलाफ वैश्विक कार्रवाई जरूरी है.
भारत पर लगाया आरोप, खुद को बताया 'शांतिदूत'
पाकिस्तान ने अपने बयान में दावा किया कि भारत इस अमेरिकी फैसले का फायदा उठाकर अपने राजनीतिक उद्देश्य साधेगा. साथ ही यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर एक अंतरराष्ट्रीय रूप से विवादित क्षेत्र है, और इस मामले की जांच अभी भी अधूरी है.
हालांकि पाकिस्तान यह बताने से चूक गया कि उसके ही देश में दुनिया के सबसे कुख्यात आतंकी—ओसामा बिन लादेन—ने सालों तक पनाह ली थी. ऐसे में आतंकवाद पर उसके किसी भी बयान को गंभीरता से लेना मुश्किल है.
भारत और अमेरिका की साझेदारी और मजबूत
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने TRF को विदेशी आतंकी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) घोषित किया. इस पर भारत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कदम दोनों देशों के बीच आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त प्रयासों की मजबूती को दर्शाता है.
वाशिंगटन में भारतीय दूतावास ने कहा, "यह निर्णय यह साबित करता है कि अमेरिका और भारत आतंकवाद को लेकर किसी भी समझौते के पक्षधर नहीं हैं." वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि यह कार्रवाई पहलगाम हमले के दोषियों को न्याय दिलाने की दिशा में एक ठोस कदम है.
अमेरिका का कड़ा रुख, लश्कर की निगरानी बरकरार
अमेरिका ने TRF को आतंकी संगठन घोषित करते हुए साफ किया कि यह कार्रवाई आव्रजन और राष्ट्रीयता अधिनियम की धारा 219 और एग्जीक्यूटिव ऑर्डर 13224 के तहत की गई है. अमेरिका ने लश्कर-ए-तैयबा को पहले से आतंकी संगठन की सूची में रखा है और अब TRF को भी उसी श्रेणी में शामिल कर दिया गया है.
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