इस्लामाबाद/नई दिल्ली: पाकिस्तान वायु सेना (PAF) आगामी महीनों में एक महत्वपूर्ण तकनीकी अपग्रेड की दिशा में कदम बढ़ा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन द्वारा विकसित पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ लड़ाकू विमान FC-31 'गायरोफाल्कन' को पाकिस्तान जल्द ही अपनी वायु शक्ति में शामिल कर सकता है. यदि यह प्रक्रिया अपेक्षित समयरेखा में पूरी होती है, तो यह पाकिस्तान की वायु युद्ध क्षमता में एक बड़ी रणनीतिक बढ़ोतरी मानी जाएगी — खासकर भारत जैसे क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी की दृष्टि से.
FC-31: क्या है इसकी विशेषता?
FC-31, जिसे चीन की शेनयांग एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन ने विकसित किया है, एक बहु-भूमिका वाला स्टेल्थ फाइटर है, जिसे विशेष रूप से एक्सपोर्ट के लिए डिजाइन किया गया है. यह तकनीकी रूप से J-35A का निर्यात संस्करण माना जा रहा है.
प्रमुख तकनीकी विशेषताएं:
यह विमान विभिन्न प्रकार के हथियार जैसे मध्यम रेंज की एयर-टू-एयर मिसाइलें, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें और गहराई तक हमला करने वाले बम ले जा सकता है.
पाकिस्तान की रणनीति और सीमाएं
रक्षा विश्लेषकों के अनुसार, पाकिस्तान का यह कदम दो मकसदों को साधने की कोशिश है:
हालांकि, चुनौतियाँ भी कम नहीं हैं:
प्रशिक्षण और परिचालन तैनाती: पाकिस्तानी पायलट वर्तमान में चीन में FC-31 पर प्रशिक्षण ले रहे हैं, लेकिन स्टेल्थ विमानों की ऑपरेशनल दक्षता तक पहुंचने में वर्षों लग सकते हैं.
लॉजिस्टिक्स और मेंटेनेंस: जटिल स्टेल्थ प्लेटफॉर्म्स की लॉजिस्टिक ज़रूरतें पारंपरिक विमानों से कहीं अधिक होती हैं.
आर्थिक दबाव: पाकिस्तान की वर्तमान आर्थिक स्थिति इस तरह की हाई-एंड सैन्य खरीद को लंबे समय तक बनाए रखने में कठिनाई पैदा कर सकती है.
भारत की तैयारी और जवाब
भारत ने पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ लड़ाकू विमानों के क्षेत्र में अपने स्वदेशी प्रोजेक्ट AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) पर तेजी से काम शुरू कर दिया है.
AMCA Mk1 (आंशिक स्टेल्थ): 2030 तक ऑपरेशनल
AMCA Mk2 (पूर्ण स्टेल्थ): 2035 तक प्रस्तावित
अन्य विकल्प: भारत फ्रांस के साथ जॉइंट स्टील्थ ड्रोन परियोजना और मिराज/राफेल अपग्रेड की दिशा में भी काम कर रहा है.
जब तक AMCA पूरी तरह से सेवा में नहीं आता, भारत का Su-30MKI, Rafale और S-400 जैसी प्रणालियों पर निर्भर रहना जारी रहेगा, जो वायु रक्षा के लिए फिलहाल पर्याप्त माने जाते हैं.
भारत के कितना गंभीर खतरा?
हालांकि FC-31 को F-35 या J-20 जैसे प्लेटफॉर्म्स का सस्ता विकल्प माना जाता है, विशेषज्ञ मानते हैं कि इसकी स्टेल्थ क्षमताएं अपेक्षाकृत सीमित हैं. अगर पाकिस्तान इस विमान को PL-17 जैसी लंबी दूरी की मिसाइलों के साथ जोड़ता है, तो यह भारत की हवाई चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली (AWACS) के लिए एक नई चुनौती बन सकता है.
भारत के पास इसके जवाब में Su-30MKI पर आधारित ब्रह्मोस मिसाइल, AWACS, और Su-57 आधारित अनुभव (रूस के साथ) है, जो संतुलन बनाने में सहायक हो सकते हैं.
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