पाकिस्तान की राजनीति का चेहरा रहे इमरान खान अब सलाखों के पीछे अपने सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं. पहली बार उन्होंने जेल में खुद के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार को लेकर खुलकर बयान दिया है.
रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को अपने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) हैंडल से एक पोस्ट साझा कर देशवासियों को जेल की ज़िंदगी की भयावह सच्चाई से अवगत कराया. उन्होंने लिखा कि वह पाकिस्तान के इतिहास की सबसे कठोर जेल सजा भुगत रहे हैं और वह भी सिर्फ संविधान की रक्षा और देश की सेवा की कीमत पर.
पीने का पानी तक इंसानों के लायक नहीं
इमरान खान ने जेल की बदहाल व्यवस्था की तरफ ध्यान दिलाते हुए कहा कि उन्हें जो पानी दिया जा रहा है, वह बुरी तरह से गंदा और पीने के लायक नहीं है. उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें टीवी और अख़बार जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा गया है. इसके अलावा, खान ने बताया कि उनके परिवार द्वारा भेजी गई किताबें महीनों से रोकी गई हैं. पहले वे समय बिताने के लिए पुरानी किताबें दोहराते थे, लेकिन अब उन्हें उनसे भी दूर कर दिया गया है.
बुशरा बीबी की हालत पर भी जताई चिंता
इमरान खान ने अपनी पत्नी बुशरा बीबी के जेल में हालात को लेकर भी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि बुशरा राजनीति से दूर रहीं, फिर भी उन्हें जेल में अमानवीय स्थिति में रखा गया है.
नवाज़ शरीफ से तुलना, भेदभाव का आरोप
इमरान ने अपने बयान में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का भी ज़िक्र किया. उन्होंने कहा कि जब नवाज शरीफ जेल में थे, तब उन्हें सभी सुविधाएं दी गई थीं, जबकि मुझे तो बुनियादी मानव अधिकारों तक से वंचित किया गया है. उन्होंने मौजूदा हालात को “तानाशाही और उत्पीड़न का चरम” बताते हुए कहा कि पाकिस्तान के इतिहास में किसी राजनेता के साथ इतनी सख्ती और दुर्व्यवहार पहले कभी नहीं हुआ.
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