पाकिस्तान के सेना प्रमुख और फील्ड मार्शल असीम मुनीर एक बार फिर अमेरिका की ओर रवाना होने की तैयारी में हैं. खास बात यह है कि यह उनकी दो महीने के भीतर दूसरी अमेरिकी यात्रा होगी. जून में हुए उनके पांच दिवसीय दौरे के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें विशेष ‘हलाल लंच’ पर आमंत्रित किया था. उस मुलाकात ने यह संदेश साफ कर दिया था कि पाकिस्तान से किसी भी अहम मुद्दे पर बात करनी हो, तो रास्ता सीधे सेना के दरवाजे से होकर गुजरता है. उस दौरे के बाद दोनों देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की घोषणा हुई थी.
इस बार की यात्रा से पहले पाकिस्तान में राजनीतिक गलियारों में एक नई चर्चा जोर पकड़ रही है—क्या असीम मुनीर राष्ट्रपति बनने की तैयारी कर रहे हैं? इन अटकलों ने इतना जोर पकड़ा कि सेना को आधिकारिक बयान जारी कर सफाई देनी पड़ी. हालांकि, राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि मुनीर, जिन्होंने खुद को प्रमोट कर फील्ड मार्शल का पद हासिल किया, अमेरिका के मजबूत समर्थन के साथ किसी भी समय सत्ता परिवर्तन की राह पकड़ सकते हैं. यही वजह है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के लिए यह दौरा चिंता का कारण बन गया है.
दौरे का असल मकसद
इस बार असीम मुनीर की अमेरिका यात्रा का उद्देश्य अलग है—अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) से संबंध मजबूत करना. वह वहां जनरल माइकल एरिक कुरिल्ला के रिटायरमेंट समारोह में शामिल होंगे. पिछले महीने पाकिस्तान सरकार ने जनरल कुरिल्ला को ‘निशान-ए-इम्तियाज (मिलिट्री)’ सम्मान दिया था. कुरिल्ला ने भी अमेरिकी कांग्रेस में पाकिस्तान को आतंकवाद-रोधी प्रयासों में “बेहतरीन साझेदार” बताया था. उनकी जगह उप-एडमिरल ब्रैड कूपर सेंटकॉम के नए प्रमुख बनेंगे, जिन्हें सीनेट से मंजूरी मिल चुकी है. कूपर का रिकॉर्ड यमन पर 100 से ज्यादा सैन्य अभियानों का नेतृत्व करने का रहा है, और मुनीर अब उनके साथ शुरुआती स्तर पर ही भरोसेमंद रिश्ते बनाना चाहते हैं.
सेंटकॉम की अहमियत
अमेरिकी सेंट्रल कमांड मध्य पूर्व, मध्य एशिया और उत्तरी अफ्रीका के 21 देशों में अमेरिकी सैन्य अभियानों और सुरक्षा रणनीतियों की जिम्मेदारी संभालता है. इसमें ईरान, इराक, अफगानिस्तान, सीरिया, यमन, खाड़ी देश और मिस्र जैसे संवेदनशील और रणनीतिक क्षेत्र शामिल हैं. हूती विद्रोहियों से लेकर इजरायल के विरोधी गुटों पर सैन्य कार्रवाई भी यही कमांड करता है. ऐसे में, पाकिस्तान जैसा क्षेत्रीय खिलाड़ी सेंटकॉम के लिए अहम कड़ी बन सकता है—और शायद यही कारण है कि असीम मुनीर इस साझेदारी को और गहरा करने के लिए लगातार वॉशिंगटन का रुख कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें: अब इन दो देशों की 37 साल पुरानी जंग को खत्म करवाएंगे ट्रंप? जानें कब होगा समझौता