पिटाई के बाद सामने आई आतंकिस्तान की हकीकत, घायल सैनिकों से मिलने पहुंचे मुनीर; बड़ा झूठ हुआ बेनकाब

    लाहौर:  भारत द्वारा किए गए सटीक जवाबी हमलों के बाद पाकिस्तान एक के बाद एक झूठ का सहारा ले रहा है. कभी आधिकारिक चुप्पी, कभी बेमतलब के ‘विजय मार्च’, तो कभी अस्पतालों में चुपचाप दाखिल घायल सैनिक — सब कुछ इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि पाकिस्तान की सच्चाई सिर्फ पर्दे के पीछे है, सामने नहीं.

    Pakistan Exposed asim munir and mariyam nawaj met injured solieders at hospital
    Image Source: Social Media X

    लाहौर:  भारत द्वारा किए गए सटीक जवाबी हमलों के बाद पाकिस्तान एक के बाद एक झूठ का सहारा ले रहा है. कभी आधिकारिक चुप्पी, कभी बेमतलब के ‘विजय मार्च’, तो कभी अस्पतालों में चुपचाप दाखिल घायल सैनिक — सब कुछ इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि पाकिस्तान की सच्चाई सिर्फ पर्दे के पीछे है, सामने नहीं.

    मरियम नवाज का अस्पताल दौरा बना सबूत

    पाकिस्तान की पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने सोमवार को लाहौर के कंबाइंड मिलिट्री हॉस्पिटल (CMH) का दौरा किया. वहां वे उन पाकिस्तानी सैनिकों से मिलने पहुंचीं, जो भारत के साथ हुई हालिया सैन्य झड़प में घायल हुए हैं. इस दौरे का एक वीडियो वायरल हो गया, जिसमें मरियम को सर्जिकल वार्ड में भर्ती घायल जवानों की हालत पूछते देखा जा सकता है. यह दृश्य पाकिस्तान की सरकार और सेना द्वारा हमले में नुकसान को लेकर किए जा रहे झूठे दावों की पोल खोलता है.

    झटका खाकर भी 'जश्न' का दिखावा

    एक तरफ अस्पताल में जख्मी जवान पड़े हैं, दूसरी ओर जमात-उद-दावा से जुड़े संगठन पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग (PMML) ने लाहौर के लिबर्टी चौक पर ‘विजय मार्च’ निकाल डाला. इस रैली का नेतृत्व PMML लाहौर अध्यक्ष इंजीनियर आदिल खालिक और महासचिव मुजम्मिल इकबाल हाशमी ने किया. भारत से भीषण मार खाने और अपने कई सैन्य अड्डों को गंवाने के बाद भी पाकिस्तान में इस तरह की खोखली जीत का जश्न, उसकी रणनीतिक विफलता और आतंकी सोच को उजागर करता है.

    भारत का ऑपरेशन सिंदूर बना पाकिस्तान की नींद उड़ाने वाला हमला

    भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तानी आतंकी ठिकानों पर अचूक मिसाइल और ड्रोन हमले किए. इन हमलों में 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने, और कई आतंकी ठिकानों के नेस्तनाबूद होने की रिपोर्ट सामने आई. जवाब में पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय ठिकानों पर जवाबी हमले की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना की मुस्तैदी और तकनीकी श्रेष्ठता के आगे पाकिस्तान टिक नहीं पाया.

    कराहती फौज, पीछे हटती सरकार

    चार दिनों तक चले इस सैन्य संघर्ष के बाद पाकिस्तान ने आखिरकार भारत से संघर्षविराम की गुहार लगाई. 10 मई को दोनों देशों के DGMO स्तर पर बातचीत के बाद अस्थायी रूप से गोलीबारी रोकी गई.

    झूठ की बुनियाद पर नहीं बनती रणनीति

    पाकिस्तान भले ही अपने मीडिया और बयानबाज नेताओं के जरिए ‘कामयाबी’ का झूठा प्रचार करता रहे, लेकिन मरियम नवाज का अस्पताल दौरा, घायल सैनिकों की चुप्पी और भारत के सर्जिकल एक्शन की तीव्रता ने यह साफ कर दिया है कि पाकिस्तान सिर्फ पर्दा डाल रहा है, सच तो उसके अपने ही दरबार में बिखर चुका है.

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