पाकिस्तान के डिप्टी प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार की चीन यात्रा की शुरुआत वैसी नहीं हुई जैसी एक उच्चस्तरीय राजनयिक दौरे की उम्मीद की जाती है. तीन दिवसीय दौरे पर बीजिंग पहुंचे डार का स्वागत बेहद औपचारिक और सीमित रहा. चीनी सरकार की ओर से कोई वरिष्ठ मंत्री या राजनयिक उन्हें रिसीव करने नहीं पहुंचा, जिससे यह दौरा विवादों में आ गया और पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का दौर शुरू हो गया.
एयरपोर्ट पर साधारण स्वागत, कार की बजाय बस से बाहर निकाले गए
डार के बीजिंग आगमन का वीडियो जैसे ही पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया, लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. वीडियो में देखा गया कि डार को रिसीव करने सिर्फ कुछ जूनियर चीनी अधिकारी मौजूद थे और उन्हें कार की बजाय बस से एयरपोर्ट से बाहर ले जाया गया. आमतौर पर इस स्तर के प्रतिनिधियों के लिए रेड कार्पेट स्वागत और विशेष गाड़ियां लगाई जाती हैं. एक यूजर ने कटाक्ष करते हुए लिखा, “अब तो इज्ज़त की भी कीमत डॉलर में चुकानी पड़ रही है.” वहीं, कुछ ने चीन की नाराजगी को पाकिस्तान की विदेशी नीति की विफलता बताया.
Today, Deputy Prime Minister/Foreign Minister, Senator Mohammad Ishaq Dar @MIshaqDar50 arrived in Beijing on a three day official visit from 19-21 May 2025 . He was received at the airport by senior Chinese officials and Ambassador of Pakistan to China, Khalil Hashmi. pic.twitter.com/Q4GqAC3HI8
— Ministry of Foreign Affairs - Pakistan (@ForeignOfficePk) May 19, 2025
भारत-पाक तनाव और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि
डार की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव चरम पर है. हाल ही में भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था. जवाब में पाकिस्तान ने चीनी हथियारों का इस्तेमाल किया जिनमें PL-15 मिसाइल, HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम और JF-17 फाइटर जेट शामिल हैं. लेकिन ये सभी हथियार भारत के सैन्य पराक्रम के आगे विफल साबित हुए. इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीनी हथियारों की विश्वसनीयता पर सवाल उठे हैं.
चीन से सैन्य सहायता के बावजूद दूरी बढ़ती दिखी
हालांकि चीन ने पाकिस्तान को रडार और सैटेलाइट समर्थन प्रदान किया, लेकिन यह सहयोग पर्याप्त साबित नहीं हुआ. जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान द्वारा भारत के साथ सीजफायर के लिए अमेरिका से मध्यस्थता की कोशिशों से चीन नाराज है, और यही नाराजगी डार के दौरे के शुरुआती संकेतों में साफ दिखाई दी.
क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत का एजेंडा, लेकिन रिश्तों में दरार
डार की यह यात्रा अफगानिस्तान और क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर चीन के साथ संवाद का हिस्सा है. अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री भी इस बैठक का हिस्सा बनने वाले हैं. लेकिन जिस तरह से बीजिंग में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को "ठंडा स्वागत" मिला है, उससे यह स्पष्ट हो रहा है कि चीन-पाक रिश्तों में तनाव की रेखाएं उभर रही हैं.
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