गोल्डन टेंपल पर हमला करने वाला था पाकिस्तान, भारतीय सेना ने कैसे किया नाकाम? नए वीडियो में पाकिस्तानी ड्रोन गिरता दिखा

    पाकिस्तान एक बार फिर अपनी नापाक हरकतों पर उतर आया और 6-7 मई को भारत के खिलाफ ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने की कोशिश की.

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    गोल्डन टेंपल

    पाकिस्तान एक बार फिर अपनी नापाक हरकतों पर उतर आया और 6-7 मई को भारत के खिलाफ ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने की कोशिश की. उसका इरादा जम्मू-कश्मीर, गुजरात और पंजाब के बड़े शहरों को नुकसान पहुंचाने का था. लेकिन, इस बार भारतीय सेना ने पूरी तैयारी के साथ उसकी साजिशों को नाकाम कर दिया. पाकिस्तान का हर मंसूबा ध्वस्त हो गया और भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया.

    गोल्डन टेंपल को मिला सुरक्षा कवच

    भारतीय सेना ने अमृतसर में डेमो के जरिए बताया कि किस तरह उसने पाकिस्तान द्वारा दागे गए मिसाइलों और ड्रोन को बीच रास्ते में ही रोक दिया और अमृतसर के स्वर्ण मंदिर सहित पंजाब के अहम ठिकानों को सुरक्षित रखा. आकाश मिसाइल प्रणाली और एल-70 एयर डिफेंस गन जैसे अत्याधुनिक हथियारों की मदद से भारतीय वायु रक्षा तंत्र ने गोल्डन टेंपल को सुरक्षा कवच दिया.

    15 इन्फेंट्री डिवीजन के जीओसी मेजर जनरल कार्तिक सी. शेषाद्रि ने जानकारी दी कि पाकिस्तान की ओर से किसी खास टारगेट की पहचान न होने के बावजूद भारतीय सेना ने आशंका के आधार पर सभी प्रमुख ठिकानों की सुरक्षा सुनिश्चित की. उन्होंने कहा, “गोल्डन टेंपल एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है और इसे संभावित निशाना माना गया. हमने इसे सुरक्षित रखने के लिए विशेष सुरक्षा इंतजाम किए और अतिरिक्त हथियार तैनात किए.”

    आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया

    मेजर जनरल शेषाद्रि ने आगे बताया कि पाकिस्तान की ओर से 8 मई की सुबह अंधेरे में ड्रोन और लंबी दूरी की मिसाइलों के जरिए एक बड़ा हवाई हमला किया गया, लेकिन हमारी तैयारियों ने उन्हें एक इंच भी आगे बढ़ने नहीं दिया. उन्होंने यह भी खुलासा किया कि इस हमले के बाद पूरे देश में भारी आक्रोश देखा गया, खासकर इसलिए क्योंकि इसमें निर्दोष पर्यटकों को भी निशाना बनाया गया था. इसी के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई में 'ऑपरेशन सिंदूर' को अंजाम दिया. इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए.

    भारतीय सेना ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के मुख्यालयों को ध्वस्त कर दिया. लाहौर के पास स्थित मुरीदके में लश्कर का मुख्य अड्डा और बहावलपुर में जैश का ठिकाना इस ऑपरेशन का हिस्सा थे. भारतीय सेना ने स्पष्ट किया कि यह हमला पूरी तरह आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर किया गया था और इसमें पाकिस्तान के किसी सैन्य या आम नागरिक ढांचे को जानबूझकर नुकसान नहीं पहुंचाया गया.

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