भारत के पास मौजूद अमेरिकी अपाचे अटैक हेलीकॉप्टरों की टक्कर में अब पाकिस्तान ने भी अपनी हवाई क्षमता को बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. हालिया रिपोर्टों के मुताबिक पाकिस्तान ने चीन से मिले Z-10ME अटैक हेलीकॉप्टरों की तैनाती शुरू कर दी है. भले ही पाकिस्तान की सेना ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन पाकिस्तानी मीडिया और रक्षा विश्लेषकों के मुताबिक सेना इन हेलीकॉप्टरों का उपयोग कर रही है.
Z-10ME: चीन की नई पीढ़ी की मारक शक्ति
Z-10ME हेलीकॉप्टर, चीन द्वारा विकसित Z-10 का अपग्रेडेड और मॉडर्न वर्जन है. इसमें बेहतर इंजन, बख्तरबंद सुरक्षा, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम और एडवांस्ड सेंसर टेक्नोलॉजी लगाई गई है. इसे हर मौसम में संचालन योग्य बनाने के लिए खासतौर पर डिजाइन किया गया है. इसे तैयार किया है AVIC (Aviation Industry Corporation of China) ने, जो चीन की सरकारी एयरोस्पेस कंपनी है.
पाकिस्तानी सेना के लिए बना ‘कस्टम मॉडल’
रक्षा सूत्रों के अनुसार Z-10ME हेलीकॉप्टर को पाकिस्तान की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है. पाकिस्तान पहले तुर्की के T129 ATAK हेलीकॉप्टर खरीदना चाहता था, लेकिन अमेरिकी इंजन सप्लाई न मिलने के कारण यह सौदा नहीं हो सका. इसके बाद चीन ने चुपचाप पाकिस्तान को Z-10ME हेलीकॉप्टर सौंप दिए, जिसकी अब तैनाती शुरू हो चुकी है.
अपाचे vs Z-10ME – किसकी मारक क्षमता अधिक?
पाकिस्तान की यह कोशिश भारत के पास मौजूद अमेरिकी अपाचे AH-64E हेलीकॉप्टरों की बराबरी करने की है. भारत ने 2020 में 6 अपाचे हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए अमेरिका से करीब 600 मिलियन डॉलर की डील की थी. ये हेलीकॉप्टर नाइट विजन, थर्मल सेंसर, और उन्नत फायर कंट्रोल सिस्टम से लैस होते हैं. एक अपाचे हेलीकॉप्टर 60 सेकेंड में 128 टारगेट की पहचान कर सकता है और उन्हें नष्ट भी कर सकता है. इसकी स्पीड 280–365 किमी/घंटा, ऑपरेशनल रेंज 480–500 किमी और उड़ान क्षमता 3.5 घंटे तक की है.
अपाचे की हथियार प्रणाली
अपाचे हेलीकॉप्टर में लगी मिसाइल और रॉकेट सिस्टम इसे खतरनाक बनाते हैं. AGM-114 हेलफायर मिसाइलें – टैंक और बख्तरबंद वाहनों के लिए घातक. हाइड्रा 70 – 70 मिमी अनगाइडेड रॉकेट. एयर-टू-एयर स्ट्रिंगर मिसाइलें – हवाई खतरों से निपटने में सक्षम. यह हेलीकॉप्टर दो पायलटों द्वारा संचालित होता है. एक उड़ान नियंत्रित करता है जबकि दूसरा हथियारों की कमान संभालता है.
मुकाबला दिलचस्प, लेकिन तकनीकी फासला बना रहेगा
हालांकि Z-10ME को चीन ने आधुनिक बताया है, लेकिन अब तक का ट्रैक रिकॉर्ड दिखाता है कि यह अमेरिकी अपाचे के समकक्ष नहीं पहुंच पाया है. पाकिस्तान के लिए यह हेलीकॉप्टर एक जरूरत के तहत लिया गया है, लेकिन रणनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो भारतीय अपाचे की मारक क्षमता और विश्वसनीयता अब भी कहीं आगे है.
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