कश्मीर का नाम लेकर ट्रंप के करीब पहुंचा पाकिस्तान, क्या चीन को देगा धोखा? जानिए इशाक डार ने क्या कहा

    चीन और अमेरिका के बीच झूलते हुए पाकिस्तान के लिए यह सवाल उठता रहा है कि क्या वह दोनों महाशक्तियों के बीच संतुलन साधने में सक्षम है, या फिर वह किसी डबल गेम का हिस्सा बन चुका है.

    Pakistan approached Trump Kashmir betray China Ishaq Dar
    इशाक डार | Photo: ANI

    पाकिस्तान की विदेश नीति हमेशा से ही जटिल और रणनीतिक रूप से संवेदनशील रहा है. खासकर चीन और अमेरिका के बीच झूलते हुए पाकिस्तान के लिए यह सवाल उठता रहा है कि क्या वह दोनों महाशक्तियों के बीच संतुलन साधने में सक्षम है, या फिर वह किसी डबल गेम का हिस्सा बन चुका है. हाल ही में, पाकिस्तान के डिप्टी प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी स्थिति स्पष्ट की है.

    पाकिस्तान का चीन और अमेरिका के साथ संतुलन

    पाकिस्तान के लिए चीन और अमेरिका दोनों ही महत्वपूर्ण साझेदार रहे हैं. जहां एक तरफ चीन से उसे लगातार सैन्य और आर्थिक मदद मिल रही है, वहीं दूसरी तरफ अमेरिका के साथ भी पाकिस्तान ने हाल के महीनों में अपने रिश्तों को प्रगाढ़ किया है. इन दोनों देशों के बीच पाकिस्तान का झूलता हुआ रुख, कई बार सवालों के घेरे में आ चुका है.

    इस पर सफाई देते हुए इशाक डार ने कहा कि पाकिस्तान दोनों देशों से अपने संबंधों को मजबूत बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. डार ने यह स्पष्ट किया कि चीन के साथ पाकिस्तान के घनिष्ठ संबंधों में अमेरिका के साथ साझेदारी की कोई कमी नहीं है. उनका कहना था कि "चीन और अमेरिका दोनों हमारे लिए समान रूप से महत्वपूर्ण हैं, और हम इन दोनों देशों के साथ अच्छे रिश्ते बनाए रखने के लिए तत्पर हैं."

    कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का रुख

    डार ने इस दौरान पाकिस्तान की कोशिशों पर भी जोर दिया कि वह भारत के साथ कश्मीर विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से हल करना चाहता है. उनका कहना था कि कश्मीर का समाधान क्षेत्रीय विकास, पर्यटन और निवेश को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर अमेरिका कश्मीर मुद्दे पर सक्रिय भूमिका निभाता है, तो यह विवाद हल हो सकता है, लेकिन इसके लिए भारत की सहमति जरूरी है.

    इशाक डार ने अमेरिकी मध्यस्थता के लिए अपनी खुली सहमति जताई और कहा कि पाकिस्तान इस प्रक्रिया में शामिल होने के लिए तैयार है, बशर्ते भारत इस पर सहमत हो. उनका यह बयान एक संदेश था कि पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को लेकर शांति की दिशा में कदम बढ़ाना चाहता है, लेकिन इसके लिए उसे अंतरराष्ट्रीय समर्थन की आवश्यकता है.

    पाकिस्तान की छवि में सुधार

    पाकिस्तान के लिए दुनिया में अपनी छवि को सुधारना एक बड़ा लक्ष्य रहा है, और इशाक डार का दावा था कि अब पाकिस्तान ने उस राजनयिक अलगाव से बाहर आकर अपने रिश्ते और साख को मजबूत किया है. उनका कहना था, "आज पाकिस्तान के पास दुनिया भर में अच्छे दोस्त हैं, और कई देश हमारे बुरे समय में खुलकर हमारे साथ खड़े हो रहे हैं. यह हमारे लिए बड़ी सफलता है."

    आतंकवाद पर पाकिस्तान की स्थिति

    पाकिस्तान पर आतंकवाद को पनाह देने के आरोप हमेशा रहे हैं, खासकर लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) जैसे संगठनों को लेकर. इस संदर्भ में इशाक डार ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा को पहले ही खत्म कर दिया है. इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका ने टीआरएफ (टीआरएफ) के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं दिया है, जिससे पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दबाव कम हुआ है.

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